मुबंई हमले से जुड़ी ये 10 बातें जानकर आप हो जाएंगे हैरान
| Published : Nov 23 2019, 03:55 PM IST / Updated: Nov 23 2019, 04:27 PM IST
मुबंई हमले से जुड़ी ये 10 बातें जानकर आप हो जाएंगे हैरान
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- मुंबई हमले के लिए 24 मुख्य आतंकियों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में ट्रेनिंग दी गई थी। ट्रेनिंग में कमांडो ट्रेनिंग, खतरनाक युद्ध प्रशिक्षण शामिल थे। हमले के लिए 24 में से केवल 10 आतंकियों को चुना गया था।
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- मुंबई पर हमले की योजना कई महीने पहले बनाई गई थी। हमलावरों ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर कम से कम तीन सिम कार्ड खरीदे थे। ऐसी भी खबरें थीं कि अमेरिकी राज्य न्यूजर्सी में भी एक सिम कार्ड खरीदा गया था।
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- 10 आतंकियों ने कराची से समुद्र के रास्ते स्पीडबोट के जरिए मुंबई पहुंचे थे। स्थानीय मछुआरों द्वारा पहचान के बारे में पूछताछ पर छ्ह ने खुद को छात्र बताया। जबकि अन्य चार कफ परेड के बधवार पार्क में घुस चुके थे। जब उनसे उनकी पहचान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मछुआरों से कहा कि अपने काम से काम रखो। मछुआरों ने इस घटना की सूचना पुलिस अधिकारियों को दी लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
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-मुंबई में हमला करने से पहले आतंकियों ने खुद को एक्टिव रखने और नींद न आने के लिए एलएसजी, कोकीन और स्टेरॉयड का सेवन किया था।
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- हमले में अजमल कसाब एकमात्र जिंदा पकड़ा जाने वाला आतंकी था। कसाब पर आर्म्स एक्ट, गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और रेलवे अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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- चार दिन तक चले हमले में नरीमन हाउस ऑपरेशन के दौरान, NSG कमांडो ने हेलीकॉप्टरों से छत पर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन नरीमन हाउस की छत पर उतरने से पहले चूक की वजह से कमांडो गलत बिल्डिंग पर पहुंच गए।
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- मुंबई पुलिस के सहायक उप-निरीक्षक और एक सेवानिवृत्त सेना के जवान तुकाराम ओम्बले ने आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने की कसम खाई थी और इसके लिए अपनी पूरी जान लगा दी थी। ओम्बले को बहादुरी और वीरता के लिए अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।
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- जमात-उद-दवा के नेता हाफिज सईद को मुंबई हमले का सबसे बड़ा गुनहगार बताया जाता है। कहा जाता है कि सईद ने पाकिस्तान से पूरी योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। उसे जनवरी 2017 में पाकिस्तान में नजरबंद रखा गया था, लेकिन 23 नवंबर से उन्हें लाहौर कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
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- अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को आईएसआई के अधिकारियों ने सहायता प्रदान की थी।
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- लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड कोलमैन हेडली ने मुंबई की एक अदालत के सामने गवाही देते हुए खुलासा किया था कि नवंबर 2008 के हमलों से पहले इन्हीं आतंकियों ने सितंबर और अक्टूबर के महीने में मुंबई में हमले किए थे, मगर वह सक्सेसफुल नहीं हो पाए थे।