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देशभक्ति को सलाम: बेटे के जन्म होने पर भी घर नहीं गया ये IAS अफसर, 2 महीने से पत्नी से नहीं मिले
पुणे (महाराष्ट्र). कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू हुए लॉकडाउन की वजह से कई लोग अपनों से नहीं मिल पा रहे हैं। खास कर प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के जवान जो अपने परिवार से दूर रह कर दिन रात ड्यूटी कर अपना फर्ज निभा रहे हैं। ऐसी एक भावुक कहानी महाराष्ट्र के आईएएस अफसर की है। जहां वह पिता बनने के 18 दिन बाद भी अपने बेटे और पत्नी से नहीं मिल पाए हैं।

18 दिन पहले हुआ बेटे का जन्म: ये हैं जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के कलेक्टर सागर डोईफोड़े। इनकी पत्नी सोनाली ने 7 अप्रैल को पुणे में बेटे को जन्म दिया है। अपने फर्ज के आगे मजबूर IAS अफसर सागर चाहकर भी पत्नी और बच्चे से मिलने नहीं जा पाए।
वीडियो कॉल पर देखा बेटे का चेहरा: अफसर ने बेटे का चेहरा वीडियो कॉल के जरिए देखा। वह लॉकडाउन में अपने जिले के लोगों की मदद करने में जुटे हैं। जिला प्रमुख होने के नाते वह 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहते हैं।
दो माह से नहीं गए घरः अधिकारी ने बताया कि वह करीब दो महीने से घर नहीं गए हैं। अब तो बस लॉकडाउन खत्म होने और हालात सुधरने का इंतजार है, ताकि मैं बेटे से मिल सकूं।
माता-पिता के पास है पत्नी: IAS अधिकारी और पत्नी सोनाली का यह दूसरा बेटा है। उनका पहला बेटा तीन साल का है। परिवार में पत्नी, दो बच्चे और माता-पिता हैं।
पुणे में रहता है परिवार : बता दें कि सागर डोईफोड़े 2014 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह मूल रूप से महाराष्ट्र बारामती के निंबोडी गांव के रहने वाले हैं। फिलहाल उनका परिवार पुणे में रहता है।
प्रधानमंत्री कर चुके हैं तारीफ: सागर के काम की तारीफ पीएम मोदी भी कर चुके हैं। उनकी ऐसी जगह पर तैनाती है जहां से करीब 50 लोग तब्लीगी मरकज में दिल्ली गए थे। इसके अलावा उनके एरिया में देश-विदेश के कई पर्यटक वहां पर ठहरे हुए थे। हालांकि उन्होंने सभी पर्यटकों अपने-अपने घर भेज दिया है। उनके जिले में एक रात में करीब 300 बेड का अस्पातल भी बनवाया था। इतना ही नहीं 10 हजार पीपीई किट भी वह स्थानीय लोगों से तैयार करवा चुके हैं।
अपने पोते के साथ कलेक्टर सागर डोईफोड़े के माता-पिता।