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डरावने मंजर में किन्नर बने मसीहा: सरकार का काम खुद कर रहे, बोले-मुश्किल वक्त में मानवता सबसे बड़ी सेवा
मुंबई. कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया है। संक्रमण को रोकने के लिए सरकार के तमाम प्रयास भी सफल नहीं हो पा रहे हैं। राज्यों में लगे लॉकडाउन की वजह से मजदूरों की रोजी रोटी छिन गई है। इस मुश्किल घड़ी में ट्रांसजेंडर गरीबों के लिए मसीहा बनकर सामने आए हैं। वह मुंबई के अलग-अलग एरिया में जकर जरूरतमंदों की मदद करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया है।
| Published : May 03 2021, 08:00 PM IST
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दरअसल, मुंबई की 'किन्नर मां संस्था' से जुड़े हाजारों ट्रांसजेंडर मुंबई के अलग-अलग इलाकों में जाकर जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। वह अब तक 80 हजार से ज्यादा लोगों तक सूखा राशन बांट रहे हैं। जिसमें दाल-चावल, आटा और नमक शामिल होता है। वह एक दिन में करीब एक हाजर से ज्यादा राशन के पैकेट बांटते हैं।
इस ट्रस्ट की अध्यक्ष सलमा खान ने बताया कि इस मुश्किल वक्त में उनक गरीबों का चूल्हा भी हमेशा ही जलता रहे। जो गरीब हैं और इस वक्त काम नहीं मिलने से अपने घरों में बैठे हुए हैं। वह रोजना सुबह होते ही झुग्गी झोपड़ियों में रहनेवालों के बीच पहुंच जाते हैं और उनको खाने का पैकेट देते हैं। किन्नर ने कहा कि उनके सभी साथियों को इस काम में बड़ी खुशी मिल रही है।
किन्नर समुदाय वंचित तबके के बीच जाकर उनके दुख की घड़ी में काम आ रहा है। 'किन्नर मां संस्था' से करीब देशभर के एक लाख से ज्यादा ट्रांसजेंडर जुड़े हुए हैं। वह राशन के अलावा लोगों को मास्क और सैनिटाइजर भी पहुंचा रहे हैं। साथ ही, पुलिस स्टेशन और बस स्टैंड पर भी मास्क और सैनिटाइजर बांट चुके हैं।
सलमा खान का कहना है कि समाज में हमें एक नजर से नहीं देखा जाता है, कई जगहों पर हमारे समुदाय के लोगों को पैसे मांगते देखा होगा, खासकर दुकानों, सड़कों और ट्रेनों में दिखाई देते थे। लोग हमें घृणास्पद नजरों से देखते हैं। हम सभी बुनियादी मानव अधिकारों से वंचित हैं। लेकिन आज, हम उस सब की परवाह नहीं करते हैं। देशभर में कोरोना के चलते माहौल बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। इसलिए हम सिर्फ मानवता का पालन कर रहे हैं।
ट्रांसजेंडर ने बतााय कि हमारी संस्था देशभर के अलग-अलग शहरों में गरीबों के लिए दो वक्त की रोटी मुहैया करा रहा है। जो काम सरकार को करना चाहिए वह हम कर रहे हैं। क्योंकि देश हमारा इस वक्त संकट से जूझ रहा है।