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महाराष्ट्र में जलप्रलय: सिर्फ एक ही गांव में 50 लोगों की मौत,10 तस्वीरों में देखिए बारिश की तबाही
मुंबई. महाराष्ट्र में पिछल चार दिन से जारी भारी बारिश ने तबाही मचाकर रखी हुई है। शहर हो या फिर गांव हर तरफि जंहा भी नजर जा रही है, वहां पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। जगह-जगह नदी नाले उफान पर हैं। जिसके चलते भूस्खलन की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। जिस तरह से लोगों की मौत हो रहीं उसे देख ऐसा लग रहा है कि यह कोई बारिश नहीं, बल्कि जलप्रलय है। सबसे बुरी हालत चिपलून शहर और रायगढ़ जिले की है, जहां लैंडस्लाइड के कारण कई मकान गिर गए। एनडीआरएफ टीम इन मकानों के मलबे के नीचे से लाशों को निकाल रही है। जानिए कैसे बारिश के कहर में खत्म हो गए एक ही गांव के 50 लोग...सुनाई दे रही हर तरफ चीख-पुकार
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महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में तालिये गांव में बारिश इस तरह कहर बनकर टूटी है कि हर तरफ मौत की चीखे सुनाई दे रही हैं। 173 घर वाले इस गांव में अब तक 50 के करीब लोगों की मौत हो चुकी हैं। मौत का यह सिलसिला रुका नहीं जारी है, जानकारी के मुतबिक, 45 से ज्यादा लोग अभी और लापता हैं।
गांव पूरी तरह से टापू बन चुका है। करीब 40 से ज्यादा मकान मलबे में तब्दील हो चुके हैं। देश की तीनों सेनाओं के जवान इन लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए जुटे हुए हैं। वह दलदली मिट्टी में उतरकर लोगों तक पहुंच रहे हैं।
रायगढ़ में लैंडस्लाइड के 24 घंटे बाद जब एनडीआरएफ की टीम मलबा हटा रही हैं तो जवानों को इस तरह लोगों की लाशें निकल रही हैं। तलिये गांव पहाड़ी से लगा हुआ है, शुक्रवार को जब लैंडस्लाइड हुआ तो कई घर इसकी चपेट में आ गए। लोगों का कहना है कि कम से कम इस हदासे में 100 लोग मरन की सूचना है। क्योंकि 50 शव मिल चुके हैं और 45 अभी तक लापता हैं।
रायगढ़ जिले में तालिये गांव में इस समय मंत्री विधायकों का जमावड़ा लगा हुआ है। सभी प्रतिनिधि पीड़ितों की मदद करने के लिए पहुंच रहे हैं। शनिवार दोपहर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भूस्खलन प्रभावित गांव का दौरा किया। उन्होंने
महाराष्ट्र पुलिस और एनडीआरएफ के अलाना रायगढ़ में नेवी और कोल्हापुर, रत्नागिरी में आर्मी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ताकि पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके।
बादल फटने से मांडो गांव में घरों में पानी भर गया, जिसके चलते दर्जनों घर पानी में गलकर ढह गए। कभी सोचा नहीं होगा इन लोगों ने कि हमने जिन हाथों से इन मकानों को बनाया है, आज उन्ही के मलबे के नीचे दबे पड़े हैं।
तस्वीर में देख सकते हैं कि किस तरह से सेना के जवान मुसीबत के वक्त लोगों के लिए मसीहा बने हुए हैं। बुजुर्ग हो या फिर बच्चे सभी को गोद में उठाकर सुरिक्षत स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।
बहुमंजिला यह इमारात मायानकगी मुंबई के बदलापुर क्षेत्र की है। जिसका जलप्रलय में ग्राउंड फ्लोर डूब गया।
भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र सरकार ने लैंडस्लाइड वाले इलाकों में लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। साथ ही पहाड़ी वाले इलाके में जाने पर रोक लगा दी है। इन इलाकों में चलने वाली बसों पर भी रोक लगा दी है।