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25 तोला सोने के साथ बेटी को दुल्हन बनाकर भेजा था, फिर भी उसे मार डाला, ससुराल के आंगन में जला दी चिता
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दरअसल, यह मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना बारामती के सांगवी गांव में हुई। जहां 21 साल की गीतांजलि ने गुरुवार को दम तोड़ दिया था। कुछ देर बाद ससुरालवालों ने मायके वालों को सूचना दी कि गीतांजलि ने जहर खा लिया है, हम उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कर दिया है। लेकिन इलाज के दौरान वह जिंदगी की जंग हार गई। शुक्रवार को पुणे के ससून अस्पताल में उसके शव को पोस्टमार्टम करके परिवार को सौंप दिया।
गीतांजलि के घरवालों ने उसके पति और सास-ससुर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करया। साथ ही उन्होंने अपनी बेटी का अंतिम संस्कार ससुराल वालों के आंगन में ही करने का फैसला किया। जिसके चलते गांव में तनाव बढ़ गया और पुलिस को करीब 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात करने पड़े। इसके बाद गुस्साए रिश्तेदारों ने घर के सामने ही बेटी की चिता जला दी।
बता दें कि गीतांजलि की शादी एक साल पहले सांगवी गांव के अभिषेक तावरे से हुई थी। बीती 24 मई को उसकी शादी की पहले सालगिरह थी। लेकिन उसे क्या पता था कि यह खुशी उसकी आखिरी है, क्योंकि दो दिन बाद ही वह दुनिया से अलविदा कह गई। पुलिस ने मायके वालों की शिकायत पर ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज लिया है। (प्रतीकात्मक फोटो)
बारामती पुलिस को मृतका की चाची नमिता यादव ने बताया कि हमने बड़ी धूमधाम से बेटी की शादी की थी। जितना हमारे पास था, सब दहेज में दे दिया। लेकिन ससुराल वालों का फिर भी मुंह बंद नहीं हुआ। उन्होंने 51 तोला सोने के गहने देने की मांग की, हमारी आर्थिक हालात इतने ठीक नहीं थे कि यह मांग पूरी कर सकें। (प्रतीकात्मक फोटो)
मयाके वालों ने बताया कि हमे नहीं पता था कि वह दहेज के लिए बेटी के साथ मारपीट करना शुरू कर देंगे। शादी के कुछ दिन बाद से ही गीतांजलि के सास और ससुर ने मायके से सोने के गहने और कपड़े लाने के लिए ताने मारने शुरू कर दिए। पति दहेज के नाम पर पीटने लगा। बेटी ने जब यह पीड़ा हमको बताई तो हमने हालात खराब होने के बावजूद 25 तोला सोना दे दिया था। फिर भी लोभियों का मन नहीं भरा और बेटी को मार डाला।