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दादी ने की दुनिया की सबसे खतरनाक यात्रा, जहां कमजोर दिलवालों का जाना है मना..चमत्कार देख शॉक्ड लोग
नासिक (महाराष्ट्र). कहते हैं कि जज्ब और जुनून हो तो इंसान किसी भी उम्र में बड़ी से बड़ी कामयाबी हासिल कर इतिहास रच सकता है। ऐसा ही कमाल और कारनामा कर दिखाया है महाराष्ट्र की एक 68 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने जिन्होंने दुनिया का सबसे खतरनाक ट्रैक चढ़कर यह साबित कर दिया कि हौंसले बुलंद हो तों हर मुश्किल घड़ी आसान लगने लगती है। टॉप पर पहुंचने के बाद महिला का वीडियो वायरल हो गया है। ट्विटर यूजर्स उनके जज्बे की खूब तारीफ कर रहे हैं।
| Published : Oct 13 2020, 05:54 PM IST / Updated: Oct 13 2020, 06:35 PM IST
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दरअसल, यह कमाल करने वाली बुजुर्ग महिला का नाम आशा अम्बाड़े है। जिन्होंने नासिक के हर्षगढ़ किले की चढ़ाई की है, इस चढ़ाई को हिमालयन माउंटेनियर दुनिया का सबसे खतरनाक ट्रैक मानते हैं। यहां कई जगह 80 डिग्री से ज्यादा की खड़ी चढ़ाई भी है फिर भी बुजुर्ग दादी ने अपनी हिम्मत नहीं हारी।
जैसे ही आशा अम्बाड़े इस खतरनाक ट्रैक के टॉप पर पहुंची तो लोग उनको देखते ही ताली बजाने लगे। वहीं कुछ लोगों ने उनके हौंसले की सराहना करते हुए सालाम किया। महिला ने ट्रैक पर पहुंचे ते ही भोले नाथ के मंदिर में दर्शन किए और 'शिवाजी महाराज की जय' का नारा लगाया। बता दें कि उनके साथ में इस यात्रा पर उनके परिवार के कुछ मेंबर और पोते भी थे।
बता दें कि हर्षगढ़ किला जमीन से 170 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। जिसमें किला दो तरफ से 90 डिग्री सीधा और तीसरी तरफ 75 की डिग्री पर स्थित है। यहां पर चढ़ने के लिए एक मीटर चौड़ी 117 सीढ़ियां बनी हैं। ट्रैक चिमनी स्टाइल में है, लगभग 50 सीढ़ियां चढ़ने के बाद मुख्य द्वार आता है।
यह किला एक वर्टिकल पहाड़ी पर बना हुआ है। चढ़ाई के लिए छोटी सीढ़ियां ही एक मात्र विकल्प हैं जो एक बड़ी चट्टान के अंदर से होकर जाती हैं। जिसके जरिए लोग ऊपर तक पहुंच जाते हैं। इस पहाड़ी पर भगवान शिव और हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है। इसके अलाला यहां पर एक छोटा सा महल भी बना हुआ है जिसमें लोग रुक भी सकते हैं।
इस किले की रोमांचकारी रास्ते को पार करने में 2 दिन का समय लगता है, लेकिन इसकी चढ़ाई करना हर किसी के बस की बात नहीं है, क्योंकि चढ़ाई के दौरान हर वक़्त सासें हलक में अटकी रहती हैं।
बरसात के मौसम के बाद यह ट्रैक और भी खतरनाक बन जाता है। क्योंकि पानी की वजह से इस पर लोग चढ़ नहीं पाते हैं। कई बार यहां हादसे भी हो चुके हैं। इसलिए जरा सी चूक हादसे में बदल सकती है।