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- मरकर भी परिवार को दे गईं खुशी: 113 साल की दादी अपना वोट देकर चल बसी, एक वोट से जीत गया उनका पोता
मरकर भी परिवार को दे गईं खुशी: 113 साल की दादी अपना वोट देकर चल बसी, एक वोट से जीत गया उनका पोता
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दरअसल, यह अनोखा मामला पुणे के मुलशी गांव का है, जहां ग्राम पंचायत चुनाव के लिए 15 जनवरी को मतदान हुआ था। इस चुनाव में मुलशी गांव से विजय साठे उम्मीदवार थे। विजय की 113 साल की दादी सरुबाई साठे ने सुबह अपने पोते को वोट दिया और रात में उनका निधन हो गया। वहीं जब 18 जनवरी को वोटों की गिनती हुई तो विजय साठे ने एक वोट के अंतर से जीत हासिल की।
अपनी इस जीत पर विजय साठे का कहना है कि यह उनकी नहीं बल्कि दादी की जीत है।अगर वह अपना एक वोट नहीं डालती तो मैं यह चुनाव नहीं जीत पाता, उनके ही आर्शीवाद से आज यह जीत मिली है।
सरपंच चुनाव जीतने के बाद विजय साठे ने कहा कि उनकी दादी अक्सर मुझसे कहती थीं कि तो सरपंच बने। इस बार मैंने उनकी बात मानी और चुनावी मैदान में खड़ा हो गया। दादी भी चाहती थीं कि उनका पोता गांव के लिए कुछ अच्छा करे। जिससे गांव के साथ-साथ उनका भी नाम रोशन हो।