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500 रु में कोठे पर बेच गया था ब्वॉयफ्रेंड, 60 के दशक में ऐसे मुंबई की डॉन बनी 'गंगूबाई'
| Published : Jan 16 2020, 01:40 PM IST / Updated: Jan 16 2020, 01:49 PM IST
500 रु में कोठे पर बेच गया था ब्वॉयफ्रेंड, 60 के दशक में ऐसे मुंबई की डॉन बनी 'गंगूबाई'
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लेखक एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' के मुताबिक गंगूबाई 60 के दशक में मुंबई माफिया का बड़ा नाम थीं। मुंबई के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया कामठीपुरा में गंगूबाई का राज चलता था। वह मुंबई के सबसे बड़े चकलाघर (वेश्यालय) की संचालिका थी।
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पर गंगूबाई की कहानी सिर्फ इतनी सी ही नहीं है। उनका बचपन गरीबी और भुखमरी में बीता था। बताया जाता है कि उन्हें उनके प्रेमी ने महज पांच सौ रुपए के लिए बेच दिया था। इसके बाद वे वेश्यावृत्ति की दुनिया का हिस्सा बन गईं।
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गंगूबाई गुजरात के कठियावाड़ की रहने वाली थीं, जिसके चलते उनको गंगूबाई कठियावाड़ी कहा जाता था। छोटी उम्र में ही गंगूबाई को वेश्यावृति के लिए मजबूर किया गया। वहीं बाद में कुख्यात अपराधी गंगूबाई के ग्राहक बने। गंगूबाई मुंबई के कमाठीपुरा इलाके में कोठा चलाती थीं। (असली गंगूबाई की फाइल फोटो)
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गंगूबाई कठियावाड़ी का असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था। गंगूबाई बचपन में अभिनेत्री बनना चाहती थीं। करीब 16 साल की उम्र में उन्हें अपने पिता के अकाउंटटेंट से प्यार हो गया और शादी करके वो मुंबई भाग कर आ गईं। बड़े बड़े सपने देखने वालीं गंगूबाई ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका पति ही उन्हें धोखा देकर महज पांच सौ रुपये में कोठे पर बेच देगा। (फाइल फोटो)
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पर गंगूबाई ने सिर्फ देह व्यापार नहीं किया बल्कि वो समाजसेवा से भी जुड़ी रहीं। उन्होंने मजबूर लड़कियों के लिए भी बहुत काम किए। मुंबई के वेश्या बाजार को हटाने के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन का नेतृ्त्व गंगूबाई ने किया।
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आंदोलन के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने बातचीत के लिए उन्हें दिल्ली बुलाया। बातचीत के दौरान गंगूबाई ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख सभी को चौंका दिया था। वेश्या होकर वो देश के प्रधानमंत्री से शादी करने को कह रही थीं। गंगूबाई की प्रतिमा (मूर्ति) आज भी मुंबई के कामठीपुरा में लगी है। (फाइल फोटो)
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एस हुसैन जैदी की किताब में माफिया डॉन करीम लाला का भी जिक्र है। किताब के मुताबिक करीब लाला की गैंग के एक सदस्य ने गंगूबाई के साथ बलात्कार किया था। जिसके बाद इंसाफ की मांग के लिए गंगूबाई करीम लाला से मिलीं और राखी बांधकर अपना भाई बना लिया। करीम लाला की बहन होने के चलते जल्दी ही कमाठीपुरा की कमान गंगूबाई के हाथ में आ गई। ऐसा कहा जाता है कि गंगूबाई किसी भी लड़की को उसकी बिना मर्जी के कोठे में नहीं रखती थीं। (फाइल फोटो)
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इसी किरदार को अब आलिया पर्दे पर दर्शाने जा रही हैं। आलिया पहली बार किसी ग्रे-शेड फिल्म का हिस्सा बनी हैं। पोस्टर में उनका लुक काफी दमदार लग रहा है। कोठे की मालकिन और लेडी डॉन गंगूबाई के इस किरदार में आलिया को देखना मजेदार होगा।