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मिलिए इस लड़की से जिसने साइकिल से नाप दिए 14 देश, सड़कों पर गुजारनी पड़ी रातें..रोज किया 300 KM सफर
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दरअसल. साइकिल से दुनिया का चक्कर लगाने वाली इस 23 साल की लड़की का नाम वेदांगी कुलकर्णी है। जो कि मूल रुप से पुणे शहर की रहने वाली है। वो साइकिल से चक्कर लगाने वाली सबसे तेज एशियाई बन गई है। उसने साइकिलिंग में कई विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मन की बात' कार्यक्रम में वेदांगी की तारीफ भी कर चुके हैं।
बता दें कि वेदांगी ने रोजाना 300 किलोमीटर का साइकिल से चक्कर लगाकर 159 दिन में साइकिल से 14 देशों का सफर किया है। इस दौरान उन्होंने 29,000 किलोमीटर का सफर किया। वेदांगी ने 17 साल की उम्र में सबसे पहले साइकिल चलाना शुरू किया था और तीन साल में उसने साइकिलिंग में विश्व रिकॉर्ड बना लिया । वेदांगी ने ऑस्ट्रेलिया के पर्थ से इसकी शुरुआत की थी।
वेदांगी देश-विदेश के कई ऐसे खतरनाक रास्तों पर साइकिल चला चुकी हैं, जहां पैदल चलना भी मुश्किल होता है। वह साल 2016 में भारत में सबसे कठिन रास्ते मनाली से खरदुंगला तक साइकिल चला चुकी है।
वेदांगी बोर्न माउथ यूनिवर्सिटी में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की स्टूडेंट रह चुकी हैं। वह जहां भी साइकिलिंग करते हुए जाती हैं तो अपने सफर के दौरान अच्छे - बुरे अनुभव कैमरे में कैद कर लेती हैं।
बता दें कि 'नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया' और भारतीय खेल मंत्रालय उनको अपनी मेहनत के दम पर सबसे तेज एशियाई महिला बनने पर सम्मानित कर चुके हैं। वेदांगी 14 देशों की यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, आइसलैंड, पुर्तगाल, स्पेन फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड और रूस का चक्कर लगा चुकी हैं।
एक टीवी इंटव्यू के दौरान वेदांगी ने बताया था कि 14 देशों की यात्रा के दौरान उनको शून्य से 20 डिग्री कम से 37 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को झेलना पड़ा था। लंदन की यात्रा के दौरान जब उनका एक्सीडेंट हुआ था तो उन्हें सड़कों पर रात गुजरानी पड़ी थी। उन्होंने बताया था कि वह इटेलियन महिला पोला गैनोती के उस रिकॉर्ड को तोड़ना चाहती थीं, जिन्होंने साल 2014 में 144 दिनों में 29,000 किलोमीटर की दूरी तय की थी।
वेदांगी ने बताया था कि एक बार तो साइकिल यात्रा के दौरान स्पेन में कुछ बदमाश उसके पीछे पड़ गए थे। वह चाकू की नोंक पर उससे पैसा लूटकर ले गए थे। वहीं कनाडा में उनके पीछे एक भालू भी पड़ गया था। लेकिन वह मेरी साइकिल की स्पीड से पीछे ही रह गया।