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अब मौत के मुंह में निर्भया के दरिंदे;फांसी की नई तारीख ने बढ़ाई बेचैनी, गुस्से में कटी विनय की रात

नई दिल्ली. निर्भया के चारों दरिंदों की मौत की नई तारीख तय कर दी गई है। चौथे डेथ वारंट के मुताबिक सभी दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। चौथी बार डेथ वारंट जारी होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों की फांसी इस बार नहीं टलेगी। क्योंकि दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। इस बीच तिहाड़ जेल में बंद सभी दोषियों के व्यवहार को लेकर मीडिया कुछ बातें सामने आईं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्भया का दोषी विनय काफी गुस्सैल है और एक बार फिर उसकी बेचैनी बढ़ गई है। 

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Asianet News Hindi
Published : Mar 06 2020, 09:10 AM IST| Updated : Mar 06 2020, 09:25 AM IST
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के दोषी विनय को जेल में रहते हुए सबसे ज्यादा बार सजा मिली थी। उसके बाद पवन व मुकेश को दंडित किया गया जबकि सबसे कम बार अक्षय को दंडित किया गया है।
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जेल सूत्रों का कहना है कि जेल में मारपीट करने व अधिकारियों का आदेश नहीं मानने पर कैदियों को दंडित किया जाता है। लेकिन विनय ही जेल में सबसे उग्र रहा है। उसने एक बार खुद गमछे और बॉथरूम के पर्दे से फांसी लगाने की भी कोशिश कर चुका है।
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निर्भया के दोषियों में विनय सबसे ज्यादा गुस्सैल है। वह जेल में बंद होने के बाद अब तक करीब 11 बार जेल नियमों को तोड़ चुका है। जिसके कारण जेल प्रशासन ने उसे सबसे अधिक 11 बार सजा भी दिया है। जबकि पवन को आठ बार, मुकेश को तीन बार और सबसे कम अक्षय को एक बार दंडित किया गया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स में जेल सूत्रों के अनुसार दावा किया गया है कि अक्षय, पवन और विनय ने जेल में रहते हुए काम भी किया। इसके एवज में उन्हें जेल प्रशासन ने मेहनताना भी दिया है। इनमें अक्षय ने सबसे ज्यादा मेहनताना कमाया। अक्षय ने अब तक 69 हजार, वहीं विनय ने 39 हजार तो पवन से 29 हजार रुपये कमाए हैं।
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नहीं बचा है अब कोई विकल्पः निर्भया के चारों दोषी अब तक कानूनी विकल्पों के सहारे फांसी से बचते आ रहे हैं। पवन की दया याचिका खारिज होने के बाद चारों दोषियों के पास मौत से बचने के लिए अब कोई विकल्प नहीं नहीं, चारों दोषियों के क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका के विकल्प खत्म हो चुके हैं। हालांकि कहा जा रहा कि तीनों दोषियों की तरह पवन भी दया याचिका खारिज होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकता है।
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अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कैदियों की कमाई को जिस खाते में रखा जाता है, उसे कैदी कल्याण कहा जाता है। दोषियों के कमाए मेहनताना को किसे दिया जाएगा इसका जेल प्रशासन ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। हालांकि उनका कहना है कि यह फैसला दोषी को लेना है। अगर वह कोई फैसला नहीं लेते हैं तो रकम को उनके परिवार के हवाले कर दी जायेगी।
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फांसी की नई तारीख तय हो जाने के बाद जेल अधिकारी इन दिनों दोषियों की लगातार काउंसलिंग करवा रहे है। जेल अधिकारियों का कहना है कि चारों कुछ बेचैन हैं, हालांकि इनका ध्यान रखा जा रहा है। अब तो रोजाना इनका वजन भी मापा जाएगा जो फांसी में एक बहुत बड़ा कारक है।
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तीन बार टल चुकी है फांसीः पटियाला कोर्ट ने 7 जनवरी को पहला डेथ वारंट जारी किया था, जिसमें दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी दिया जाना था। लेकिन दोषियों के कानूनी दांव पेंच के चलते यह फांसी टल गई। फिर 17 जनवरी को जारी किया, इसके मुताबिक- 1 फरवरी को फांसी होनी थी। हालांकि, कानूनी दांव पेंच के चलते यह भी टल गया। इसके बाद कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वॉरंट जारी कर 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी की तारीख तय की थी। लेकिन दोषी पवन ने 2 मार्च को दया याचिका लगा दी। इस वजह से कोर्ट ने डेथ वॉरंट को रद्द कर दिया।
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क्या हुआ था 16 दिसंबर को? 16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी।दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे। इसके बाद निर्भया का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चला था। जहां से उसे सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।

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