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मेरा बेटा जिंदा है या उसे मार दिया...मां ने पूछा सवाल, दिल्ली हिंसा की ऐसी ही 30 दर्दनाक तस्वीरें
| Published : Feb 28 2020, 02:12 PM IST / Updated: Feb 29 2020, 10:26 AM IST
मेरा बेटा जिंदा है या उसे मार दिया...मां ने पूछा सवाल, दिल्ली हिंसा की ऐसी ही 30 दर्दनाक तस्वीरें
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मुस्तफाबाद में मोहम्मद इरफान की मां। मोहम्मद इरफान की दिल्ली हिंसा में मौत हो गई। जीटीबी अस्पताल में बेटे की शव लेने के लिए पहुंची मां।
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दिल्ली में भड़की हिंसा में बृजपुरी इलाके में 23 साल के राहुल ठाकुर की भी हत्या कर दी गई। 23 साल के राहुल ठाकुर के रिश्तेदार और दोस्त 27 फरवरी, 2020 को नई दिल्ली में अंतिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव शरीर के आसपास खड़े लोग।
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दिल्ली हिंसा में मृतक राहुल ठाकुर के परिजन।
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दिल्ली हिंसा में 31 साल के मोहम्मद मुदस्सिर की मौत हो गई। शव के सामने रोते-बिलखते मुदस्सिर के पिता।
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दिल्ली हिंसा में शोएब खान (22) की मौत हो गई। जीटीबी अस्पताल में शोएब के परिजन।
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दिल्ली हिंसा में मारे गए IB कर्मचारी अंकित शर्मा का शव ले जाते हुए। जीटीबी अस्पताल की तस्वीर।
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अजरा खातून, इन्होंने दिल्ली हिंसा में अपने भतीजे अशफाक हसन (22 साल) को खो दिया। जीटीबी अस्पताल में भतीजे का शव लेने के लिए जाते हुए।
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जीटीबी अस्पताल के सामने रोती हुई महिला। दिल्ली हिंसा में इन्होंने अपनों को खो दिया।
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जीटीबी अस्पताल के सामने महिला तस्वीर दिखाकर अपनों को पूछते हुए कि जिंदा है या नहीं।
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जीटीबी अस्पताल के बाहर, हिंसा में मारे गए व्यक्ति का शव ले जाते हुए।
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दिल्ली हिंसा के दौरान स्कूल का गार्ड मनोज। हिंसा के दौरान शिव विहार में स्कूल के अंदर तोड़ फोड़ की गई थी।
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जीटीबी अस्पताल से अपनों का शव ले जाते परिजन।
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दिल्ली हिंसा में 22 साल के राहुल सोलंकी को नार्थ दिल्ली में गोली लग गई थी। जीटीबी अस्पताल में उसका शव लेने के लिए जाते परिजन।
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दिल्ली हिंसा में इन्होंने अपनों को खो दिया। जीटीबी अस्पताल में शव गृह में जाते हुए।
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दिल्ली हिंसा में मारे गए मोहम्मद मुदस्सिर के पिता। 27 फरवरी को उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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दिल्ली हिंसा में इस शख्स के सीने में गोली लगी। गुरु तेग बहादुर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में ले जाते हुए।
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मृतक मोहम्मद मुदस्सिर के शव के आस-पास खड़े परिजन।
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कारावल नगर में हिंसा के दौरान घायल शख्स।
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दिल्ली का जीटीबी अस्पताल। जहां शवों के लाने की लाइन लगी है।
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अपने भतीजे बाबू (32) के शव के इंतजार में खड़े शमीम अहमद। इन्होंने भी दिल्ली हिंसा में अपने को खो दिया।