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Assam flood: असम के 32 जिलों के 55 लाख लोगों पर टूटा बाढ़ का कहर, घरबार छोड़कर जान बचाकर भागे
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असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी (ASDMA) के अधिकारियों ने कहा कि कछार में, 506 गांवों में 2.16 लाख लोग पीड़ित हैं, जबकि करीमगंज में, 454 गांवों में 1.47 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। नगांव: जिले के राहा गांव में बाढ़ प्रभावित गांव से नाव के जरिये बाहर निकलते गांववाले।
सिलचर के कई इलाके पानी में डूब गए। ASDMA के अनुसार, करीब 425 लोगों को बचाया गया और 57 राहत शिविरों में 10,468 लोगों को रखा गया है। नलबाड़ी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा 21 जून को नलबाड़ी जिले में एक राहत शिविर के दौरे के दौरान बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के साथ बातचीत करते हुए।
इस बीच परिवहन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने स्थानीय विधायकों, डिप्टी कमिश्नर्स और कछार और करीमगंज दोनों के सीनियर अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में NDRF की यूनिट को रणनीतिक तैनाती की योजना बनाने के लिए कहा गया है।कामरूप:जिले के कलिता कुची में भारी बारिश के बाद बाढ़ वाली सड़क से गुजरते ग्रामीण।
ASDMA के अनुसार, राज्य के 36 में से 32 जिलों में 55,42,053 लोग प्रभावित हुए हैं। नई 7 मौतों के साथ इस साल मरने वालों की संख्या 89 हो गई है। कामरूप: जिले के कलिता कुची में भारी बारिश के बाद बाढ़ वाली सड़क से निकलकर सुरक्षित जगह पर जाते लोग।
12.51 लाख लोगों के साथ बारपेटा सबसे अधिक प्रभावित जिला है। इसके बाद धुबरी में 5.94 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और दारांग 5.47 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। कुल मिलाकर 2.62 लाख लोगों ने 862 राहत शिविरों में शरण ली है। कामरूप: जिले के कलिता कुची में भारी बारिश के बीच मस्ती करते बच्चे।
ASDMA ने कहा कि सात तटबंध टूट गए, 316 सड़कें और 20 पुल बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गए। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में, कुल 233 शिविरों में से 42 बाढ़ के पानी में डूब गए हैं और आठ जानवरों की मौत हो गई है।
बक्सा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, धुबरी और हैलाकांडी जैसे जिलों से बड़े पैमाने पर नदी के किनारों के कटाव की सूचना मिली थी।
सिलचर: यह तस्वीर 21 जून की है। यहां लगातार बारिश के बाद बाढ़ से सड़कें डूब गई हैं। लोग घरबार छोड़कर रिलीफ कैम्प में जा रहे हैं।
कामरूप: जिले के बाढ़ प्रभावित गांव में लाचार खड़े जानवर। बाढ़ में जानवरों पर बड़ा संकट आ गया है। हालांकि उन्हें भी बचाने की कोशिश हो रही है।
सिलचर: बाढ़ प्रभावित इलाके से गुजरते लोग। यहां बड़ी संख्या में लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर निकल गए हैं।