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कभी इस एक्टर के पास नहीं थे खाने तक के पैसे, सोना पड़ता था भूखा...संघर्ष से तय किया सफलता का मुकाम
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रवि किशन का असली नाम रविंद्रनाथ शुक्ला है। वे उत्तर प्रदेश के जौनपुर के हैं। उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। जब रवि किशन छोटे थे, तब रामलीला में सीता का किरदार निभाया करते थे। लेकिन रवि किशन के पिता इसके खिलाफ थे। लेकिन वे उनके मना करने के बावजूद एक्टिंग करते थे।
रवि किशन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनका सपना पूरा करने में मां ने पूरा साथ दिया। उनकी मां ने ही जमा किए हुए कुछ पैसे दिए थे, जिनसे रविकिशन मुंबई आए थे। लेकिन मुंबई पहुंचकर उन्हें अहसास हो गया था कि यहां काम पाना आसान नहीं है।
पैसे कुछ ही दिन में खत्म हो गए। मुंबई में वक्त काटने के लिए उन्होंने कई जगह नौकरियां भी की। रवि किशन ने बताया था कि उन्होंने ऐसा वक्त भी देखा, जब उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं थे। रहने के लिए घर नहीं था। काम मिल जाता था तो खाने के लिए पैसे मिल जाते थे। नहीं तो भूखे सो जाते थे।
वहीं मां को उनका अभिनय करना पसंद था. इतना ही नहीं रवि की मां ने उन्हें मुंबई जाकर एक्टिंग करने के लिए पैसे भी दिए थे.
धीरे-धीरे उनका संघर्ष रंग लाया और उन्हें फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया। रवि किशन की पहली फिल्म पितांबर थी। इसमें जो पैसे उन्हें मिले थे, उससे उन्होंने अपने पिता का कर्ज चुकाया था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
रवि किशन को एक के बाद एक फिल्में मिलने लगीं। वे भोजपुरी के सुपर स्टार बन गए। इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड, तमिल, कन्नड़ और तेलगु सिनेमा में भी फिल्में कीं।
रवि किशन की राजनीतिक पारी
रवि किशन ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कांग्रेस से की। वे 2014 में कांग्रेस के स्टार प्रचारक थे। उन्होंने 2014 में जौनपुर से चुनाव लड़ा। इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
रवि किशन लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए। उन्हें तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मनोज तिवारी ने भाजपा की सदस्यता दिलाई। इसके बाद वे 2019 में गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़े। इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की।