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जैसे भारत में मतदान होता है वैसी वैक्सीनेशन की व्यवस्था, टीका लगवाने से घर जाने तक आपके साथ क्या-क्या होगा?
देश में कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम शनिवार से शुरू होगा। सबसे पहले 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी। पहले चरण के लिए कोवैक्सीन और कोविशिल्ड को अनुमति दी गई है। भारत में वायरस से अब तक एक करोड़ 5.27 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 1.52 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। पीएम मोदी शनिवार को 10.30 बजे टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर में 3,006 टीकाकरण स्थलों को संबोधित करेंगे। ऐसे में टीकाकरण को लेकर कुछ सवालों के जवाब जान लेना जरूरी है।
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सवाल- कोविड 19 की वैक्सीन में किसे प्राथमिकता मिलेगी?
जवाब- प्राथमिकता समूहों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सफाई कर्माचारी, सेना और आपदा प्रबंधन स्वयंसेवकों को प्राथमिकता मिलेगा। सरकार ने कहा है कि शनिवार को देश के 3,006 टीकाकरण स्थलों में से प्रत्येक में लगभग 100 लोग शॉट्स प्राप्त करेंगे। टीकाकरण का पहला चरण कुछ महीनों में पूरा होने की संभावना है।
सवाल- टीकाकरण अभियान कैसे चलाया जाएगा?
जवाब- भारत में 130 करोड़ लोगों की आबादी है। देश वैक्सीन का संचालन करने के लिए चुनाव कराने के अनुभवों का इस्तेमाल किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग (EC) से अनुरोध किया है कि वह प्राथमिकता वाले समूहों से संबंधित लोगों की पहचान करने के लिए लोकसभा और विधान सभा चुनावों के लिए नवीनतम मतदाता सूची के आंकड़ों को साझा करे। यह अभ्यास 18 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए किया जाएगा। जहां वैक्सीन लगेगी वहां हर साइट पर चुनाव बूथ की तरह काम किया जाएगा। लाभार्थी सूची की तीन प्रतियां होंगी। ये नाम अधिकारियों द्वारा सरकार के Co-Win पोर्टल पर भी अपलोड किए जाएंगे। शनिवार की सूची दो दिन पहले अपलोड की गई थी। एक अधिकारी ने कहा, टीकाकरण सत्र सुबह 9 से शाम 5 बजे तक है। जो भी शाम 5 बजे तक आएगा, उसे शाम 5 बजे के बाद भी टीका लगाया जाएगा। यह ठीक वैसे ही है जैसे चुनावों में होता है।
सवाल- क्या वैक्सीन मुफ्त है?
जवाब- पहले चरण में लगाए जा रही वैक्सीन मुफ्त है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था, केंद्र 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का खर्च देगी।
सवाल- कौन सी वैक्सीन है जिसे लगाया जाएगा?
जवाब- भारत के ड्रग रेगुलेटर CDSCO ने दो टीकों, कोवैक्सीन और कॉविशिल्ड को मंजूरी दी है। उन्हें एक आपातकालीन स्थिति में उपयोग की मंजूरी है, जिसका अर्थ है कि कंपनियों द्वारा क्लिनिकल परीक्षण पूरा नहीं होने के बावजूद उनका उपयोग किया जा सकता है। कोविशिल्ड AZD1222 का भारतीय संस्करण है, जो कि AstraZeneca और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित वैक्सीन है। इसे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा विकसित और निर्मित है। कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से विकसित किया गया है। इन दोनों के अलावा चार और स्वदेशी वैक्सीन पर काम चल रहा है।
सवाल- पूरे भारत में टीके कैसे पहुंचाए गए?
जवाब- वैक्सीन सबसे पहले उन जगहों पर पहुंचाई गई, जहां पर वैक्सीन का प्रभाव ज्यादा है। मसलन महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में केस ज्यादा है इसलिए अन्य राज्यों की तुलना में संभवतः अधिक टीके मिलेंगे।
सवाल- टीकाकरण के बाद क्या होता है?
जवाब- जैसे ही लोगों को टीका लगाया जाता है, उनका डेटा Co-Win प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा। टीका लगने के बाद लाभार्थी को एक डिजिटल प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जिससे उसे याद दिलाने में मदद मिलेगी। जब उसे दूसरी बार टीका लगाया जाएगा तब उसे फाइनल सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इससे अफवाहों और गलत सूचना पर अंकुश लगाने और टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं की सही रिपोर्टिंग में मदद मिलेगी।
सवाल- क्या भारत कोविड -19 टीकाकरण अभियान चलाने के लिए तैयार है?
जवाब- भारत ने वैक्सीन अभियान की तैयारी में तीन मॉक ड्रिल किए हैं। सरकार ने वैक्सीन और Co-Win सॉफ्टवेयर से संबंधित सवालों को दूर करने के लिए 24 घंटे 1075 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।