चीन और नेपाल के बाद अब भूटान ने भारत के लिए खड़ी की मुश्किल, 6000 किसान प्रभावित
नई दिल्ली. इन दिनों पड़ोसी देशों से भारत के रिश्ते कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहे। एक तरफ चीन से सीमा विवाद है तो दूसरी ओर नेपाल से नक्शा विवाद। वहीं, अब चीन और नेपाल के बाद भूटान ने भारत के लिए मुश्किल खड़ीं कर दी हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भूटान ने हाल ही में असम में आने वाले पानी को रोक दिया है, इससे राज्य के वक्सा जिले में किसान परेशान हैं। हालांकि, भूटान ने कहा है कि बांध में मरम्मत का काम चल रहा है, जिससे असम में पानी बिना बाधा के जा सके।
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इससे पहले भूटान ने भारत से आने वाले पर्यटकों से हर दिन हजार रुपए से ज्याजा शुल्क वसूलने का फैसला किया था।
कोरोना वायरस के चलते भूटान ने अपनी सीमाओं को बंद कर रखा है। वहीं, अब भूटान ने भारतीय किसानों को उसके यहां से निकलने वाली नदियों का पानी इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी है।
बक्सा में 26 से ज्यादा गांवों में किसान धान की खेती में पानी लगाने के लिए भूटान की नदियों पर निर्भर हैं। लेकिन पानी रुकने से किसान परेशान हैं और काफी गुस्से में भी हैं। भूटान के पानी रोकने से करीब 6 हजार किसान प्रभावित हुए हैं।
बक्शा जिले में पानी रोके जाने के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन हुआ। इसमें सिविल सोसायटी के लोगों ने भी हिस्सा लिया। किसानों ने कई घंटों तक रोंगिया-भूटान सड़क को भी जाम कर दिया था।
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र सरकार भूटान सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाए। साथ ही जल्द से जल्द इस मुद्दे को सुलझाया जा सके। हालांकि, असम के मुख्य सचिव ने कहा है कि पानी जानबूझ कर नहीं रोका गया, यह ब्लॉकेज के चलते यह पानी रुका है। इसे भूटान खोलने की कोशिश में लगा है।
बक्सा के लोग हर साल भारत भूटान सीमा पर स्थित समुद्रूप जोंगखार इलाके में जाते हैं और काला नदी का पानी अपने खेतों में लाकर सिचाई करते हैं। लेकिन इस बार भूटान ने कोरोना के चलते अपने क्षेत्र में भारतीय किसानों की एंट्री पर रोक लगा दी है।
एक किसान ने बताया कि बिना पानी के उनकी फसलें खराब हो रही हैं। उन्होंने बताया, भूटान की तरफ से डोंग बांध बनाकर अपने धान के खेतों के लिए पानी लाते थे। लेकिन भूटान ने इस बार लॉकडाउन के चलते एंट्री पर रोक लगा रखी है।
भूटान के साथ भारत के संबंध हमेशा से मधुर रहे हैं। हर साल बड़ी संख्या में भारतीय भूटान घूमने जाते हैं। यहां जाने के लिए भारतीयों को पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि, भूटान सरकार ने इस साल से भारतीय पर्यटकों से भी अन्य देशों की तरह शुल्क वसूलने का फैसला किया है।
पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हैं। वहीं, नेपाल भी भारत को लेकर आक्रामक रवैया दिखा रहा है। नेपाल ने भारत की आपत्तियों के बावजूद तीन हिस्सों को नेपाल के नक्शे में शामिल किया है।