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दम घुटने लगा, उल्टी करते हुए सड़कों पर गिरने लगे लोग, चिल्लाने लगे बचाओ-बचाओ...गैस लीक का भयावह मंजर
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20 की हालत गंभीर
सरकारी अस्पताल में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इसमें अधिकतर बुजुर्ग और बच्चे हैं। बताया जा रहा है कि सरकारी अस्पताल में 150-170 लोग भर्ती कराए गए हैं।
जहरीली गैस रिसाव से प्रभावित कई लोगों को गोपालपुरम के प्राइवेट अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। वहीं, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने 1500-2000 बेड की व्यवस्था कर ली है।
पीवीसी या स्टेरेने गैस का रिसाव
विशाखापट्टनम नगर निगम के कमिश्नर श्रीजना गुम्मल्ला ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार पीवीसी या स्टेरेने गैस का रिसाव हुआ है। रिसाव की शुरुआत सुबह 2.30 बजे हुई। गैस रिसाव की चपेट में आस-पास के सैकड़ों लोग आ गए और कई लोग बेहोश हो गए, जबकि कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
सैकड़ों लोग पहुंचे अस्पताल
आरआर वेंकटपुरम में स्थित विशाखा एलजी पॉलिमर कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव हुआ है। इस जहरीली गैस के कारण फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं। सैकड़ों लोग सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं।
गैस लीकेज के असली कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। फिलहाल मौके पर विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी वी विनय चंद पहुंच गए हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
प्रशासन का कहना है कि दो घंटे के अंदर हालत को नियंत्रण में कर लिया गया। कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है।
गैस लीकेज की खबर सामने आने के बाद मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी लगाई गई हैं और गांवों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।
पुलिस अधिकारी लोगों से घर से बाहर निकलने की अपील कर रहे हैं और सुरक्षित जगह जाने को कह रहे हैं। साथ ही लोगों से प्रभावित इलाकों में न जाने की अपील भी की जा रही है।
एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री की स्थापना 1961 में हिंदुस्तान पॉलिमर्स के नाम से की गई थी। कंपनी पॉलिस्टाइरेने और इसके को-पॉलिमर्स का निर्माण करती है।
1978 में यूबी ग्रुप के मैकडॉवल एंड कंपनी लिमिटेड में हिंदुस्तान पॉलिमर्स का विलय कर लिया गया था और फिर यह एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री हो गई।