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परिवर्तन की मांग करने वाले नेताओं की छुट्टी, अब गांधी परिवार के इन 6 सिपहसालारों की राय पर चलेंगी सोनिया
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इसी के साथ सोनिया ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी का नए सिरे से गठन किया गया है। इसमें राहुल की पसंदीदा टीम को मौका दिया गया है। नया अध्यक्ष चुनने में सोनिया की मदद के लिए 6 नेताओं की नई कमेटी बनाई गई है। इस विशेष सलाहकार समिति में गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले लोगों को मौका दिया गया है। इस लिस्ट में अहमद पटेल, एके एंटनी, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं।
अहमद पटेल : अहमद पटेल गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं। सोनिया गांधी के करीबी और भरोसेमंद माने जाते हैं। इस वक्त पार्टी में हर छोटी बड़ी बातों पर उनकी सलाह ली जाती है। वे सोनिया के राजनीतिक सलाहकार भी रह चुके हैं। अहमद पटेल कांग्रेस में संकट मोचक की भूमिका में हैं।
एके एंटनी: एके एंटनी मनमोहन सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके हैं। उनकी पहचान गांधी परिवार के भरोसेमंद सहयोगी के तौर पर है। 2014 लोकसभा चुनाव में हार के बाद एके एंटनी को ही समीक्षा करने की जिम्मेदारी मिली थी। एके एंटनी इंदिरा गांधी के करीबी थे। लेकिन 80 के दशक में नाराज होकर उन्होंने नई पार्टी बनाई थी। लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया।
अंबिका सोनी: विशेष समिति में एक नाम अंबिका सोनी का भी है। हालांकि, अंबिका सोनी महासचिव पद से हटा दी गई हैं। अंबिका सोनी को इंदिरा गांधी कांग्रेस में लेकर आई थीं। अंबिका सोनी के पिता नकुल सेन वाधवा की गिनती जवाहर लाल नेहरू के करीबी अफसरों में होती थी।
केसी वेणुगोपाल : केसी वेणुगोपाल केरल से आते हैं। मौजूदा वक्त में उन्हें गांधी परिवार के सबसे करीबी लोगों में माना जाता है। वेणुगोपाल ने ही हाल में राजस्थान संकट को हल करने में अहम भूमिका निभाई। वेणुगोपाल राहुल गांधी के करीबी कहे जाते हैं। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष रहते उन्हें कर्नाटक का प्रभारी महासचिव बनाया गया था।
मुकल वासनिक
मुकल वासनिक गांधी परिवार के करीबी हैं। पिछले साल जब राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने की बात चली थी, तब इनका नाम अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे था। हालांकि, मुकल वासनिक का नाम उन 23 बड़े नेताओं में शामिल है, जिन्होंने नेतृत्व के मुद्दे पर पत्र लिखा था। इसके बावजूद उन्हें समिति में जगह मिली है।
रणदीप सुरजेवाला :
रणदीप सुरजेवाला राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं। यही कारण है कि हरियाणा का पिछला विधानसभा चुनाव और उससे ठीक पहले उप चुनाव में मिली हार के बावजूद उनका कद कम नहीं हुआ है। सुरजेवाला ने ओम प्रकाश चौटाला जैसे को उनके मुख्यमंत्री रहते विधानसभा चुनाव में दो बार मात दी। सुरजेवाला अहम मौकों पर पार्टी की बात रखते हुए नजर आते हैं। राजस्थान में संकट को हल करने के लिए भी सुरजेवाला को अहम जिम्मेदारी मिली थी।