अब कोरोना से डरने की नहीं है जरूरत, भारत में आ गई वायरस की तीसरी दवा
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कंपनी ने कहा, इस दवा को सरकार और खुले बाजार के माध्यम से बेचा जाएगा। इस दवा को लेकर कंपनी ने कहा, गिलीड साइंसेज के साथ मिलकर भारत में मरीजों के उपचार के लिए मजबूत साझेदारी की सराहना करती है। कंपनी ने कहा, कोरोना के रोकथाम के प्रयास में हमने काफी निवेश किया है। यह कदम इस दिशा में अहम है।
रेमडेसिवीर दवा कोरोना के इलाज बहुत हद तक सफल मानी जा रही है। अमेरिका में यह दवा रामबाण साबित हुई है। अमेरिका की गिलीड साइंसेज कंपनी रेमडेसिवीर की पेटेंट होल्डर है। कंपनी के साथ ही भारत में सिप्ला और हेटरो लैब्स ने नॉन-एक्सक्लूसिव लाइसेंसिंग अग्रीमेंट किया है।
शनिवार को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने हेटरो लैब्स को रेमेडेसिवीर के जेनेरिक वर्जन के मैन्युफैक्चर और सप्लाई की अनुमति दी थी। हेटरो लैब्स यह दवा Covifor नाम से बना रही है।
इससे पहले ग्लेनमार्क फार्मा ने भी कोरोना की दवा तैयार कर ली है। कंपनी ने कोरोना से मामूली रूप से पीड़ित मरीजों के लिए एंटीवायरल दवा Fabi Flu लॉन्च की है। इस दवा को DCGI से अप्रूवल भी मिल गई है।
अच्छी बात यह है कि दवा सिर्फ 103 रुपए की है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals) ने कोविड-19 (Covid-19) से मामूली रूप से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिराविर को फैबिफ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है।
हल्के मरीजों को पहले दिन इसकी 1800 एमजी की दो खुराक लेनी होगी। उसके बाद 14 दिन तक 800 एमजी की दो खुराक लेनी होगी।
कंपनी सरकार और चिकित्सा समुदाय के साथ मिलकर काम करेगी ताकि देशभर में मरीजों को यह दवा आसानी से उपलब्ध हो सके। यह दवा डॉक्टर की सलाह पर 103 रुपए प्रति टैबलेट के दाम पर मिलेगी।
कंपनी ने कहा, फैबिफ्लू, कोविड-19 के इलाज के लिए फेविपिराविर दवा है, जिसे मंजूरी मिली है। ग्लेमार्क फार्मास्युटिल्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा ने कहा, यह मंजूरी ऐसे समय मिली जब भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस समय भात को दवा की बहुत जरूरत है।
भारत में कोरोना के अब तक 4.26 लाख मामले सामने आए हैं। अब तक 13703 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में 1.75 एक्टिव केस हैं। जबकि 2.37 लाख लोग ठीक हो चुके हैं।