कोरोना : अगले 40 दिन सबसे कठिन, आखिर क्यों भारत में आ सकती है चौथी लहर
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अगले 35-40 दिन भारत के लिए अहम :
स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, जब भी पूर्व एशिया में कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो उसके 35-40 दिन बाद भारत में भी नई लहर शुरू हो जाती है। भारत में भी BF.7 के कई मामले सामने आ चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि दो दिन में विदेशों से आए 6 हजार यात्रियों में से 39 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
सबसे ज्यादा संक्रमण फैलाता है BF.7 वैरिएंट :
बता दें कि चीन और जापान में कोरोना संक्रमण के लिए ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BF.7 जिम्मेदार है। इस वैरिएंट की R-वैल्यू अब तक के मिले वैरिएंट में सबसे ज्यादा है। इससे संक्रमित 1 मरीज 16-18 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
चीन से आने वाली उड़ानों पर अब तक रोक नहीं :
बता दें कि भारत में अब तक चीन से आने वाली उड़ानों पर रोक नहीं लगी है। ये लापरवाही बड़ा खतरा बन सकती है। पिछली तीन लहरों के ट्रेंड को देखें तो भारत में कोरोना के मामले शुरुआत में धीरे-धीरे बढ़े लेकिन कुछ ही दिनों में अचानक बहुत बड़ी संख्या में केस आने लगे। इससे मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर धराशायी हो गया।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने में हुई देरी :
बता दें कि पहली लहर के समय यानी जनवरी, 2020 से ही दुनियाभर में कोरोना के केस बढ़ने लगे थे, बावजूद इसके सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर काफी दिनों बाद रोक लगाई। जब भारत में संक्रमण बहुत तेजी से फैलने लगा तब जाकर सरकार ने 23 मार्च, 2020 को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाई।
दूसरी लहर के समय भी भारत से हुई थी ये चूक :
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी भारत में बड़ी लापरवाही बरती गई। तब डेल्टा प्लस वैरिएंट ने भारत में चीन जैसी तबाही मचाई थी। भारत में लॉकडाउन में ढील देने के साथ ही लोगों ने मास्क पहनना छोड़ दिया था। इसके साथ ही सड़कों, बाजारों में भीड़ बढ़ने लगी और संक्रमण तेजी से फैलता गया।
क्यों जताई जा रही चौथी लहर की आशंका?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, हफ्तेभर में भारत में कोरोना के केस करीब 21% से ज्यादा बढ़ चुके हैं। 14 से 20 दिसंबर के बीच देशभर में 1,083 केस सामने आए थे। वहीं, 20 से 27 दिसंबर के बीच 1,317 मामले आए हैं। इसके साथ ही एक्टिव केस में भी बढ़ोतरी हुई है। 22 दिसंबर तक एक्टिव केस की संख्या 3,380 थी, जो 27 दिसंबर तक बढ़कर 3468 हो गई।
भारत के लिए ये है अच्छी खबर :
पूरी दुनिया में कोरोना के खतरे के बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत में कोरोना के मामले बढ़ते भी हैं तो ये हल्के होंगे और लोगों को ऑक्सीजन या हॉस्पिटलाइज्ड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी वजह भारत में लोगों के भीतर हर्ड इम्युनिटी का होना है।
जुलाई में ही भारत में मिल चुके थे BF7 के मामले :
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना के BF.7 वैरिएंट के मामले भारत में सितंबर, 2022 में ही सामने आ गए थे। हालांकि, बावजूद इसके भारत में लोगों में गंभीर संक्रमण नहीं देखा गया। इस बार भी इससे केस तो बढ़ सकते हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बेहद गंभीर समस्या से जूझ रहे लोगों को ही खतरा है।
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