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कोरोना वैक्सीन को लेकर इस देश से आई खुशखबरी,दवा बनाने के करीब वैज्ञानिक, ट्रायल में मिले पॉजिटिव रिपोर्ट
बीजिंग. दुनिया में जारी कोरोना संकट के बीच उसे रोकने के लिए लागातार कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए लगातार कई देशों में वैज्ञानिकों की फौज दिन रात काम कर रही है। अमेरिका और लंदन में वैक्सीन के सफल ट्रायल के बाद अब चीन से एक राहत देने वाली खबर सामने आई है। चीनी कंपनी कान्सिनो बायोलॉजिक्स इंक ने भी दवा बनाने का दावा किया है। कंपनी के मुताबिक शुरुआती रिपोर्ट में यह दवा सुरक्षित लग रही है और कोरोना वायरस के मरीजों को बचा सकती है।
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डेवलप हो रहा इम्युन सिस्टम
चीन की कंपनी Cansino Biologics Inc ने अपने शुरुआती ट्रायल में दवा के सकारात्मक लक्षणों के बारे में बताया है। कंपनी का कहना है कि ट्रायल में वायरस के खिलाफ इम्यून सिस्टम डिवेलप होने की बात सामने आई है। शुरुआती ट्रायल 18 से 60 साल की उम्र के 108 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था।
हजारों लोगों पर ट्रायल, मिले पॉजिटिव रिपोर्ट
रिजल्ट में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों को दवा की एक डोज दी गई थी, उनके शरीर से कुछ इम्यून सेल पैदा हुए। अभी यह शुरुआती ट्रायल है और इसके प्रभाव के बारे में तभी पता चल सकेगा, जब हजारों लोगों पर ट्रायल हो और उसमें सकारात्मक परिणाम आए।
वैक्सीन बनाने के करीब पहुंचा ब्रिटेन
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड और AstraZeneca Plc की ओर से ChAdOx1 nCoV-19 नाम की दवा पर काम चल रहा है। कोरोना से निपटने के लिए चल रहे दवाओं के ट्रायल्स में से इस दवा की सबसे ज्यादा चर्चा की जा रही है। इसके एक फेज का ट्रायल पूरा हो गया है। जबकि दूसरे राउंड में वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।
इस दवा के दूसरे राउंड के ट्रायल के लिए 5 से 12 साल की आयु के बच्चों और 70 साल की आयु के लोगों को शामिल करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत अब तक 10,200 लोग ट्रायल के लिए नामांकन करा चुके हैं।
भारत 3 देशों के साथ वैक्सीन बनाने में कर रहा कार्य
पुणे स्थित एसआईआई इस वक्त यूके की ऑक्सफोर्ड, अमेरिका के कोडेजेनिक्स और ऑस्ट्रेलिया की बायोटेक फर्म थेमिस द्वारा विकसित की गई वैक्सीन कैंडिडेट्स पर काम कर रही है। पूनावाला ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन से सबसे ज्यादा उम्मीदें दिखाई है क्योंकि यह ट्रायल में सबसे आगे बताई जा रही है।
अमेरिका में पहले वैक्सीन के सक्सेस ट्रायल से जगी उम्मीद
बोस्टन स्थित बायोटेक कंपनी मॉर्डना ने पिछले सोमवार शाम इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि जिन लोगों पर mRNA वैक्सीन का ट्रायल किया गया, उनके शरीर में उम्मीद से अच्छी इम्यूनिटी बढ़ी है और साइड इफेक्ट्स भी मामूली हैं। मॉर्डना ने बताया कि वैक्सीन पाने वाले कैंडिडेट्स का इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों के बराबर या उनसे ज्यादा ताकतवर पाया गया। मॉर्डना के सीईओ स्टीफन बैंसेल ने कहा कि वे इससे बेहतर डेटा की उम्मीद नहीं कर सकते थे। गौरतलब है कि मॉर्डना कंपनी ने सबसे पहले वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया था।
इटली ने भी वैक्सीन तैयार करने का किया था दावा
इटली ने भी पिछले दिनों दावा किया था कि उसने इसकी वैक्सीन की खोज कर ली है। इटली की सरकार ने दावा किया है कि उसने ऐंटी बॉडीज को ढूंढ निकाला है जिसने मानव कोशिका में मौजूद कोरोना वायरस को खत्म कर दिया है।
इजरायल भी कर चुका है दावा- मिल गई है दवा
इजरायल के रक्षा मंत्री नफताली बेन्नेट ने भी पिछले दिनों दावा किया था कि देश के डिफेंस बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस का टीका बना लिया है। उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस के एंटीबॉडी को तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल की है।
रक्षा मंत्री बेन्नेट ने बताया था कि कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास का चरण अब पूरा हो गया है और शोधकर्ता इसके पेटेंट और व्यापक पैमाने पर उत्पादन के लिए तैयारी कर रहे हैं। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के अंतर्गत चलने वाले बेहद गोपनीय इजरायल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रीसर्च के दौरे के बाद बेन्नेट ने यह ऐलान किया।
दुनिया में कोरोना का कहर
दुनिया में कोरोना का संकट बढ़ता जा रहा है। दुनिया में अब तक 55 लाख 25 हजार 229 लोग कोरोना के शिकार हो चुके हैं। जबकि 3 लाख 47 हजार 110 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि 23 लाख 16 हजार 127 लोग ठीक भी हो चुके हैं। कोरोना के कहर से अमेरिका का बुरा हाल है। यहां अब तक 16 लाख 86 हजार 807 लोग संक्रमित हैं। जबकि 99 हजार 311 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, ब्राजील संक्रमण के मामले में दुनिया का दूसरा देश बन गया है। यहां अब तक 3 लाख 65 हजार लोग कोरोना के शिकार मिले हैं।