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दुश्मनों से लोहा लेने के लिए भारत को जरूरत है मल्टी रोल फाइटर्स की, जानें कितने विमानों के लिए हो रही है डील

नेशनल डेस्क। चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चे पर सैन्य चुनौती को देखते हुए भारत को मल्टी-रोल फाइटर्स (Multi-Role Fighters Aircrafts) विमानों की जरूरत है। भारत के लिए यह जरूरी है कि वह आकाश में अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाए। इसके लिए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) 114 बोइंग विमानों का सौदा करने जा रही है। इसमें एफ-15ईएक्स (F-15EX) फाइटर विमानों के अलावा दूसरे अत्याधुनिक विमान भी शामिल होंगे। भारत को कम से कम 42 स्क्वॉड्रन (Squadron) फाइटर एयरक्राफ्ट की जरूरत है। फिलहाल इनकी संख्या 28 से 30 तक है। हर स्क्वॉड्रन में 16 से लेकर 18 फाइटर जेट होते हैं।

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Asianet News Hindi
Published : Feb 02 2021, 12:18 PM IST
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संख्या के लिहाज से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एयरफोर्स ( PLAAF) के पास फोर्थ जनरेशन प्लेटफॉर्म पर आधारित 850 युद्धक विमान मौजूद हैं, जिनकी मारक क्षमता बहुत ज्यादा है। साल 2025 तक उसके पास इन विमानों के 40 स्क्वॉड्रन हो जाएंगे। इनकी संख्या 50 स्क्वॉड्रन तक बड़ सकती है। चीन के पास जे-20 (J-20) स्टील्थ फाइटर्स भी हैं। इससे भारत के सुखोई (Sukhoi) कम संख्या में राफाल होने से वह भारत से ज्यादा क्षमता रखता है।
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साल 2018 में भारतीय वायु सेना ने फाइटर विमानों की खरीद के लिए 72 पेज का एक प्रिलिमनरी रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन जारी किया था। यह फॉरेन वेंडर्स के लिए था। अमेरिकी एफ-15, फ्रेंच राफाल, स्वीडिश ग्रिपेन और रूसी सुखोई-35 बनाने वाली कंपनियां भारतीय वायुसेना से इस डील के लिए कोशिश कर रही हैं। ये कंपनियां पहले भी मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बिडिंग प्रॉसेस में शामिल हो चुकी हैं। हाल ही में अमेरकी सरकार ने एफ-15ईएक्स फाइटर जेट के सौदे के लिए बोइंग को मार्केटिंग लाइसेंस देने का संकेत दिया है।
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3 फरवरी से बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो होने जा रहा है। इसमें कई डिफेंस कंपनियां अपने बमवर्षक विमानों और दूसरे हथियारों का प्रदर्शन करेंगी। इसमें बोइंग भी शामिल होगी, जो डिफेंस और स्पेस सिक्युरिटी के क्षेत्र में अपने नए प्रोडक्ट्स को पेश करेगी। इस बात की पूरी संभावना है कि कंपनी भारतीय वायुसेना के साथ एयरक्राफ्ट्स की डील को लेकर बातचीत आगे बढ़ाए। पिछले साल अमेरिका की कंपनी लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) ने भारत के साथ एफ-16 जेट का सौदा किया था।
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पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ बढ़ते सीमा विवाद को देखते हुए भारत ने 33 फाइटर विमानों का सौदा किया है। इसमें 21 अपग्रेडेड मिग-29 और 12 सुखोई विमान शामिल हैं। इसके साथ ही मिग-29 के अपग्रेडेशन पर भी काम हो रहा है। यह सौदा 18,148 करोड़ रुपए में हुआ है।
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दो हफ्ते पहले सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस की खरीद को मंजूरी दी है। पिछले साल एक इंटरव्यू में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने कुछ विदेशी विमानों की तुलना में तेजस को बेहतर बताया था।
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फ्रांस और भारत के डेजर्ट नाइट-21 (Desert Knight-21) ए्क्सरसाइज के दौरान इंडियन एयरफोर्स को चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria) ने कहा था कि 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट की खरीद में राफाल का महत्वपूर्ण स्थान हो सकता है। भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा था कि देश में डीआरडीओ (DRDO) के एएमसीए एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट के तहत फिफ्थ जनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट पर काम शुरू हो चुका है। इसके बाद सिक्स्थ जनरेशन के एयरक्राफ्ट विकसित किए जाने का काम शुरू होगा।

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