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...तो दिल्ली में मचेगी भयंकर तबाही, शुरू हुआ कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड? जानिए क्या और क्यों है खतरा
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क्या है कम्युनिटी ट्रांसमिशन
कम्युनिटी ट्रांसमिशन कोरोना वायरस की थर्ड स्टेज होती है। यह स्टेज तब आती है जब किसी एक बड़े इलाके के लोग वायरस से संक्रमित पाए जाते हैं। वहां की स्थितियां कोरोना से बीमार लोगों की संख्या के खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन में कोई ऐसा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है जो न तो कोरोना वायरस से प्रभावित देश से लौटा है और न ही वह किसी दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो।
कई देशों में तो अध्ययन में ये भी बताया गया कि कम्युनिटी स्प्रेड होने पर इससे बचाव काफी मुश्किल हो जाता है। इस स्टेज में यह पता नहीं चलता कि कोई व्यक्ति कहां से संक्रमित हो रहा है।
मार्च तक देश में कोरोना वायरस दूसरे चरण यानी लोकल ट्रांसमिशन के स्टेज तक था। लोकल ट्रांसमिशन उसे माना जाता था जब कोई मरीज विदेश से लौटे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे संक्रमित के जरिये बीमार होता है। इसका मतलब ये है कि लोकल ट्रांसमिशन में यह पता होता है कि वायरस कहां से फैल रहा है।
इसका फायदा ये होता है कि इससे मरीज किस स्रोत के संपर्क में आया उससे जुड़े लोगों की पहचान आसान होती है। इससे भी पहले होती है पहली स्टेज, जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित देशों से आने वाले लोगों में संक्रमण पाया गया। लेकिन सबसे खतरनाक होती है चौथी स्टेज, चीन में यह अपनी चौथी स्टेज में था। ऐसी स्थिति में इसका हल खोज पाना कठिन होता है।
यह है महामारी के चार चरण
आईसीएमआर के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के फैलने के चार चरण हैं। पहले चरण में वे लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए जो दूसरे देश से भारत में आये और उनमें पहले से ही कोरोना के विषाणु थे। यह स्टेज भारत पार कर चुका है क्योंकि ऐसे लोगों से भारत में स्थानीय स्तर पर संक्रमण अब फैल चुका है।
दूसरे चरण में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलता है, लेकिन ये वे लोग होते हैं जो किसी ना किसी ऐसे संक्रमित शख्स के संपर्क में आये जो विदेश यात्रा करके लौटा हो।
तीसरा स्तर और थोड़ा खतरनाक माना जाता है। ये है 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' जिसे लेकर भारत सरकार चिंतित है। 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' तब होता है जब कोई व्यक्ति सीधे तौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है।
चौथा चरण तब होता है, जब संक्रमण स्थानीय स्तर पर महामारी का रूप ले लेता है।