- Home
- National News
- अयोध्या से सोमनाथ तक...भगवान के दर्शन के लिए उमड़ पड़े भक्त, देखिए 75 दिन बाद कैसा रहा मंदिरों का हाल
अयोध्या से सोमनाथ तक...भगवान के दर्शन के लिए उमड़ पड़े भक्त, देखिए 75 दिन बाद कैसा रहा मंदिरों का हाल
- FB
- TW
- Linkdin
मंदिर खुलते ही द्वारका मंदिर में भक्तों की कतार दिखाई दी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के साथ लोग भगवान के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे।
द्वारका मंदिर 75 दिनों बाद खुला। इस दौरान भगवान के दर्शन के लिए भक्त काफी उत्साहित दिखे।
रोज की तरह सोमवार सुबह भी बाबा विश्वनाथ का विधि विधान से पूजन-अर्चन किया गया, लेकिन आम लोगों के लिए मंदिर के पट नहीं खुले। मंगलवार सुबह मंगला आरती के बाद आमजनों को प्रवेश दिया जाएगा।
श्रीकृष्ण जन्म स्थान के पट सुबह 7 बजे दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। लेकिन बांके बिहारी जी मन्दिर के पट श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोले गए। बांके बिहारी मंदिर अभी 30 जून तक बन्द रहेगा। मथुरा में अधिकांश मंदिरों को अभी बंद रखा गया है।
पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर आज से आम लोगों के लिए खोल दिए गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम और अन्य गाइडलाइनों का पालन किया गया।
देश के अधिकांश मंदिर आज खुल गए। वहीं, उड़ीसा सरकार ने जगन्नाथ मंदिर को बंद रखा है। अन्य मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन के लिए चिन्ह बनाए गए हैं।
मंदिरों के पट आम लोगों के लिए खुलते ही श्रद्धालुओं दर्शन के लिए पहुंचे।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंचे। जहां उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
सोमनाथ मंदिर के पट 80 दिन बाद खुले तो लोग दर्शन के लिए पहुंचे। यहां लाइन में खड़े होने के लिए मंदिर के अंदर जगह-जगह पैरों वाले स्टिकर लगाए गए हैं ताकि लोग उन्हीं पर खड़े हों और सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।
सोमनाथ मंदिर में गुजरात के जो भी श्रद्धालू दर्शन करने आएंगे उन्हें 12 जून से ऑनलाइन पंजीकरण कराना जरूरी होगा।
कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित डोडा गणपति मंदिर की यह तस्वीर। 75 दिनों बाद यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है। लॉकडाउन की वजह से देश के सभी धार्मिक स्थल बंद चल रहे थे।
दिल्ली के झंडेवालन मंदिर आज खुलने के बाद पूजा के लिए श्रद्धालु आए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए लोगों ने पूजा-अर्चना की। मंदिर खुलेने के बाद घंटी बजाने का इजाजत किसी को नहीं दी गई है। इसके साथ ही मूर्तियों को भी किसी को छूने की अनुमति नहीं है।