धोनी से कुछ सीखें किसान, देखिए कैसे अपने खेतों को सोने की 'खान' बना दिया
रांची, झारखंड. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी जितना अच्छा पिच पर खेलते थे, उतना ही बखूबी अब वे अपने खेतों में कमाल दिखा रहे हैं। आए-दिन माही के बारे में खबर आती रहती हैं कि उन्होंने किसानी में फलां काम किया। धोनी अपने फार्म हाउस में लगातार प्रयोग कर रहे हैं। वे जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ अच्छी नस्ल की गायें पैदा करने में भी लगे हुए हैं। हाल में वे मध्य प्रदेश के झाबुआ की पहचान कड़कनाथ मुर्गा को पालने की वजह से चर्चा में आए थे। इस समय वे स्ट्रॉबैरी की खेती को लेकर सुर्खियों में हैं।
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महेंद्र सिंह धोनी ने अपने 43 एकड़ के फॉर्म हाउस को प्रयोगों की 'पिच' बना दिया है। यहां वे सफलता के लगातार चौके-छक्के मार रहे हैं। धोनी ने अनानास, पपीता, अमरूद, प्याज, टमाटर, लौकी, मटर, तरबूत, फूलगोभी और आम की फसल में सफलता हासिल करने के बाद स्ट्रॉबैरी में किस्मत आजमाई है। वे इसमें भी सफल हुए हैं।
(यह फोटो नये-पुराने हैं, जो दिखाते हैं कि धोनी खेती-किसानी और बागवानी को लेकर कितनी दिलचस्पी रखते हैं)
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद धोनी पूरी तरह से खेती-किसानी में रम गए हैं। धोनी जैविक पद्धति से खेती-किसानी कर रहे हैं। यही नहीं, वे कृषि और पशुपालन विशेषज्ञों की मदद लेकर अपने काम को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। साक्षी भी किसानी में दिलचस्पी रखती हैं। वे धोनी की मदद करती हैं। इस समय धोनी स्ट्रॉबैरी की खेती को लेकर चर्चाओं में हैं।
धोनी ने झारखंड के किसानों को फ्री में अच्छी नस्ल की गायें उपलब्ध कराने का बीड़ा भी उठाया है। रांची के कांके प्रखंड स्थित सेम्बो के फॉर्म हाउस में धोनी डेनमार्क की गायों की तरह एक नई और अच्छी नस्ल तैयार करने में लगे हैं। धोनी चाहते हैं कि झारखंड के किसानों की इन गायों के जरिये आर्थिक स्थिति मजबूत हो।
धोनी अपने फार्म हाउस में मुर्गा पालन भी करते हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के झाबुआ से कड़कनाथ नामक मुर्गे की नस्ल मंगाई थी। बता दें कि कड़कनाथ का खून काला होता है। इसका मांस शक्तिवर्धक और पौष्टिक होता है।
(अपने खेत में ट्रैक्टर पर धोनी)
आमतौर पर जैविक फल-सब्जियां और अनाज थोड़ा महंगे होते हैं, लेकिन ये सेहत के लिए अच्छे हैं। धोनी मार्केट से कम रेट में सब्जियां उपलब्ध करा रहे हैं। उनका मकसद कम कमाई करके लोगों को जैविक चीजों के प्रति रुझान बढ़ाना है।
जैविक खेती को बढ़ाना देने का उनका यह प्रयास झारखंड सरकार को भी अच्छा लगा है। बता दें कि धोनी के फार्म हाउस के फल-सब्जियों की दुबई तक डिमांड होने लगी है।
(अपने खेत में काम करने वाले किसानों के साथ धोनी)