- Home
- National News
- 17 साल की उम्र में की आंदोलन, अब बने दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के बॉस, ऐसा है नड्डा का सियासी सफर
17 साल की उम्र में की आंदोलन, अब बने दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के बॉस, ऐसा है नड्डा का सियासी सफर
| Published : Jan 20 2020, 10:44 AM IST / Updated: Jan 20 2020, 04:11 PM IST
17 साल की उम्र में की आंदोलन, अब बने दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के बॉस, ऐसा है नड्डा का सियासी सफर
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
18
कौन हैं जेपी नड्डाः पटना में 1960 में जन्में जगत प्रकाश नड्डा ने बीए और एलएलबी की परीक्षा पटना से पास की थी और शुरु से ही वे एबीवीपी से जुड़े हुये थे। नड्डा जब 16 बरस के थे तो जेपी आंदोलन से जुड़ गए। लिहाजा, राजनीति का ककहरा मंझे राजनेताओं के दौर में सीखने को मिला। इसके बाद सीधे छात्र राजनीति से जुड़ गए। उनकी काबिलियत देखते हुए ही 1982 में उन्हें उनकी पैतृक जमीन हिमाचल में विद्यार्थी परिषद का प्रचारक बनाकर भेजा गया। वहां छात्रों के बीच नड्डा ने ऐसी लोकप्रियता हासिल कर ली थी कि उनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश विवि के इतिहास में पहली बार एबीवीपी ने जीत हासिल की। (जेपी नड्डा, पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की फाइल फोटो)
28
राजनीतिक सफरः जगत प्रकाश नड्डा ने बिहार के पटना में 1960 में जन्म लिया था। बीए की परीक्षा पटना विश्वविद्यालय से पास की। इसके बाद वह एबीवीपी से जुड़ गए और छात्र राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हो गए। जिसके बाद संगठन द्वारा 1983-84 में नड्डा को उनके ही राज्य हिमाचल प्रदेश भेजा गया। जहां उनके नेतृत्व में एबीवीपी ने पहली बार जीत हासिल की। इसके बाद एबीवीपी के दिल्ली में संगठन मंत्री भी रहे। (जेपी नड्डा और बीजेपी के वरिष्ठ नेता, फाइल फोटो)
38
जेपी नड्डा छात्र राजनीति से उठकर भारतीय जनता पार्टी में कदम रखा और हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रदेश महामंत्री बने। जिसके बाद उनके बेहतर कार्यों और सियासी कुशलता को देखते हुए 1991 से 93 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। (पीएम मोदी और जेपी नड्डा एक दूसरे से बात करते हुए, फाइल फोटो)
48
1993 हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुने गए। जिसके बाद फिर 1998 में दोबारा विधायक चुने गए। इस जीत के नड्डा को प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य एवं संसदीय मामलों का मंत्री नियुक्त किया गया। जिसके बाद 2007 में प्रेम कुमार धूमल की सरकार में भी काबीना मंत्री के रूप में स्वास्थय एवं पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। (पार्टी की बैठक में पीएम मोदी, शाह के साथ जेपी नड्डा, फाइल फोटो)
58
2010 में हिमाचल सरकार से इस्तीफा देकर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बने। इस दौरान नड्डा जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों के प्रभारी रहे। सियासी कुशलता और एक बेहतर रणनीतिकार होने के कारण जेपी नड्डा को नितिन गडकरी व राजनाथ सिंह के अध्यक्षी कार्यकाल में राष्ट्रीय महामंत्री रहे। जिसके बाद 2012 में नड्डा को राज्यसभा के सदस्य चुने गए। (जेपी नड्डा अपनी पत्नी और बेटे के साथ)
68
केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद नड्डा को 2014 में भाजपा केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के सचिव नियुक्त किया गया। जिसके बाद पार्टी से जुडे़ महत्वपूर्ण निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाई। (अपनी पत्नी के साथ जेपी नड्डा की फाइल फोटो)
78
2019 में लोकसभा चुनाव में नड्डा को सबसे महत्वपूर्ण राज्य यूपी का चुनाव प्रभारी बनाया गया। जिसमें सपा और बसपा के गठबंधन को मात देने की बड़ी चुनौती उनके सामने थी। बावजूद उन्होंने अपने सियासी कौशल का इस्तेमाल करते हुए सपा-बसपा के गठबंधन को धत्ता बताकर बीजेपी को 80 लोकसभा सीटों में से 62 सीटों पर जीत हासिल की। (जीत के बाद प्रसन्न मुद्रा में नड्डा की फाइल फोटो)
88
आगे की चुनौतियांः जेपी नड्डा के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनके सामने दो महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं। जिनसे पार पाना मिल का पत्थर साबित होगा। नड्डा के सामने दिल्ली और बिहार विधानसभा के चुनाव में जीत हासिल करना और बीजेपी की सरकार बनाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। (जेपी नड्डा की फाइल फोटो)