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एनकाउंटर से पहले खौफ में था विकास दुबे, एमपी पुलिस से बार बार कर रहा था ये मिन्नतें
उज्जैन. कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों का हत्यारा विकास दुबे 9 जुलाई गुरुवार को एनकाउंटर में मारा गया था। इसके बाद से उसके सहयोगियों की तलाश यूपी एसटीएफ की टीम लगातार एमपी में भी खाक छान रही है। ग्वालियर से उसके दो रिस्तेदारों को भी उठा लिया गया है। साथ उज्जैन में भी यूपी और एमपी पुलिस द्वारा कुछ लोगों से पूछताछ की गई है। इस बीच विकास को यूपी पुलिस के हवाले करने जा रहे, एक जवान ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि वो रास्ते पर गिड़गिड़ा रहा था कि उसे यूपी पुलिस के हवाले ना किया जाए बल्कि यहीं किसी जेल में डाल दिया जाए।
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दरअसल, उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद गैंगस्टर विकास दुबे कैमरे के सामने चिल्ला-चिलाकर कह रहा था कि 'मैं कानपुर वाला विकास दुबे हूं।' इसके जरिए उसने यह जताने की कोशिश की थी कि वह जिंदा पकड़ा गया है। कानपुर कांड के बाद यूपी में लगातार उसके सहयोगियों का एनकाउंटर हो रहा था। साथियों के एनकाउंटर की वजह से विकास दुबे के मन में भी यह डर बैठा हुआ था कि एसटीएफ की टीम उसे भी नहीं छोड़ेगी। ऐसे में गिरफ्तारी के बाद उज्जैन पुलिस की टीम जब उसे यूपी पुलिस के हवाले करने जा रही थी, तो वह ऐसा करने से बार-बार मना कर रहा था।
विकास को छोड़ने जा रही टीम में शामिल एक जवान ने मीडिया से बातचीत की और इस दौरान उसने बताया कि विकास बहुत डरा हुआ था। उसे पता था कि यूपी पुलिस के हाथ लगा तो उसके साथ कुछ भी गलत हो सकता है। विकास को यूपी पुलिस के हवाले करने 16 जवानों की टीम गई थी।
इस दौरान वो लगातार पुलिस की टीम से बार-बार गुजारिश कर रहा था कि उसे उज्जैन जेल में ही डाल दिया जाए। एक जवान ने बताया कि वह उज्जैन में ही रखे जाने को लेकर रास्ते भर गिड़गिड़ा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि पूछताछ के दौरान विकास दुबे पुलिस के सामने कई बार रोया था। उसने उज्जैन में अधिकारियों से भी गुहार लगाई थी कि उसे कोर्ट में पेशी को बाद उज्जैन जेल में ही भिजवा दो। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही कोर्ट में उसकी पेशी हुई। उसके बाद उज्जैन पुलिस ने गुना बॉर्डर पर ले जाकर उसे यूपी पुलिस के हवाले कर दिया।
उज्जैन के एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया है कि वह गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही उज्जैन पहुंच गया था। उन्होंने बताया कि अलवर से राजस्थान परिवहन निगम की बस से वह झालावाड़ पहुंचा था। झालावाड़ से वह बस के जरिए उज्जैन पहुंचा। यहां वो सुबह 4 बजे के करीब देवास गेट बस स्टैंड पर उतरा था। वहां से ऑटो लेकर रामघाट गया। वहां स्नान ध्यान करने के बाद मंदिर में महाकाल के दर्शन किए।
एसपी ने कहा है कि उज्जैन में अभी तक किसी भी व्यक्ति के द्वारा उसे संरक्षण देने की बात सामने नहीं आई है। उसके खुलासे पर वहां की पुलिस टीम जांच करेगी। इसके बाद ही वो कुछ कह पाएंगे।
बताया जा रहा है कि विकास दुबे उज्जैन दर्शन करने के लिए ही गया था। एमपी पुलिस लगातार यूपी पुलिस को इनपुट्स शेयर कर रही है। एसपी ने ये भी कहा कि जानकारी सामने आने के बाद वो उसे मीडिया से भी शेयर करेंगे।