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भूला कर सब गिले शिकवे, तुम्हें हम...निर्भया के दोषी विनय ने कुछ यूं बताया दर्द; कहा, मां आई लव यू
| Published : Feb 13 2020, 08:59 AM IST
भूला कर सब गिले शिकवे, तुम्हें हम...निर्भया के दोषी विनय ने कुछ यूं बताया दर्द; कहा, मां आई लव यू
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दोषी विनय शर्मा ने जेल में रहते हुए एक नोटबुक लिखी है। 19 पन्नों के इस नोटबुक में शायरी से लेकर चित्र भी उकेरे है। खास बात यह है कि विनय ने इस डायरी का नाम ‘दरिंदा’ रखा है। डायरी में उकेरे गए चित्रों के जरिए उसने बहुत सारे मैसेज देने की कोशिश की है। विनय ने अपने दोस्तों के लिए भी पैगाम लिखा है।
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इस डायरी को ‘दरिंदा’ नाम देने के बारे में दोषियों के वकील एपी सिंह ने बताया कि मीडिया ने उसे यह नाम दिया जिसके बाद उसने खुद को ही दरिंदा मान लिया। इसलिए उसने इस डायरी का शीर्षक दरिंदा रखा। वकील एपी सिंह ने बताया कि दोषी विनय ने जेल में कुछ पेंटिंग्स बनाई थी, जिसकी तिहाड़ हाट में बिक्री की गई। उन्होंने कहा कि अभी तक यह नहीं बताया गया कि उस पेंटिंग से कितनी पैसे मिले हैं। उससे कितनी कमाई हुई है। विनय ने कुल 11 पेंटिंग बनाई थी।
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दोषी विनय ने अपने डायरी में लिखा है कि "भूला कर सब गिले शिकवे, तुम्हें हम याद आयेंगे, जब हम इस दुनिया से चले जाएंगे, अभी भी वक्त है अपना घर बसाने को, वरना आशियानें हवा में उड़ जाएंगे....।" इसके साथ ही दोस्तों के नाम पैगाम लिखा है कि "कभी भी किसी वह मत कहना, जो ना तुम खुद बरदास कर सको।"
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दो बार टल चुकी है फांसीः निर्भया के चारों दोषियों की दो बार फांसी टल चुकी है। गौरतलब है कि 7 जनवरी को पटियाला कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया था। जिसमें दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी थी। लेकिन दोषियों ने कानून दांव पेंच का इस्तेमाल करते हुए इस पर रोक लगवा दी। जिसके बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करते हुए दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया। लेकिन दोषियों ने नई पैंतरेबाजी कर 31 जनवरी को इस फांसी की तारीख को टलवा दिया। जिसके बाद से अब नई तारीख का इंतजार किया जा रहा है।
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डायरी में दोषी ने उस दिन को भी याद किया है जब उसने निर्भया के साथ चलती बस में दरिंदगी की थी। उस दिन को भी उसने तारीख सहित अपनी पेंटिंग में उकेरा है। ज्यादातर चित्रों में उसने अपने परिजनों और निजी जिंदगी से संबंधित लोगों को याद किया है। आरोपी विनय शर्मा ने एक चित्र में मां को ‘आई लव यू मॉम’ लिखा है।
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मैंने मानसिक प्रताड़ना झेली हैः दोषी विनय ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि, मुझे फांसी नहीं दी जा सकती। उसने बताया कि कैद के दौरान बेहद मानसिक प्रताड़ना झेली क्योंकि उसके साथ कैद में क्रूरता हुई थी। उसने ये भी दावा किया कि उसे एकांत कारावास में भी रखा गया।
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क्या है पूरा मामलाः दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।