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Inside Story : भारत के इस कदम से पैंगोंग से पीछे हटने को मजबूर हुआ अड़ियल चीन, जानिए टर्निंग पॉइंट
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भारत रे नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिमेंट जनरल वाई के जोशी ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। वाई के जोशी इस ऑपरेशन को कमांड कर रहे थे। उन्होंने बताया कि भारत ने इस समझौते के तहत किसी क्षेत्र को नहीं गंवाया। बल्कि पैंगोंग में सेना की वापसी भारत की जीत है।
लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी काफी अच्छी चीनी भाषा मंदारिन भी बोल लेते हैं। वे बीजिंग में भारत के रक्षा प्रशिक्षक के तौर पर भी तैनात थे।
गलवान हिंसा के बाद भारत की कार्रवाईयों ने चीनी सेना को हैरान कर दिया था। भारत ने पैंगोंग में कई चोटियों पर कब्जा कर रखा था। यही टर्निंग पॉइंट था। ऐसे में चीन को इसका अंदाजा था कि भारत की स्थिति मजबूत है और वह पीछे हटने वाला नहीं है। ऐसे में चीनन को पहले की स्थिति में ही आना पड़ेगा।
लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी के मुताबिक, चीन यह समझ गया था कि वह बल के प्रयोग से एलएसी की पूर्व स्थिति को नहीं बदल सकता। भारत मजबूती से अपने क्षेत्र की रक्षा कर रहा है। उन्होंने बताया कि 29-30 अगस्त को भारतीय सेना ने रेजांग ला और रेचिन ला पर कब्जा कर लिया। इससे अगले दौर की बातचीत में भारत का पक्ष मजबूत हो गया।
भारतीय सेना के पास थी खुली छूट
वहीं, जोशी ने एक अन्य इंटरव्यू में बताया कि चीन की सेना फिंगर 4 तक आ गई थी। ऐसे में चीन का पलड़ा भारी था। वहीं, भारतीय सेना को ऊपर से निर्देश मिले थे, कि कुछ ऐसे कदम उठाए जाएं, ताकि चीन पर दबाव बने। इसी के चलते 29-30 अगस्त को ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
हालांकि, इस दौरान ऐसा वक्त भी आया, जब दोनों देश युद्ध के कगार पर खड़े हो गए। हालांकि, भारतीय सेना को किसी भी ऑपरेशन की खुली छूट मिली थी।