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पहले चीन ने हटने का वादा किया, फिर धोखे से 250 चीनी सैनिकों ने 50 भारतीय जवानों पर कर दिया हमला
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पहले जताई थी हटने की सहमति
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की ओर से कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू चीनी पक्ष से सेनाएं हटाने को लेकर हुई बातचीत में शामिल थे। वे इस झड़प के 1 घंटे पहले तक चीनी अफसरों से बात करते रहे। सोमवार सुबह बात के आधार पर सहमति बनी थी कि चीनी सेना भारतीय क्षेत्र से हट जाएगी। (फोटो- सिम्बॉलिक)
अचानक लौटे चीनी सैनिक
कर्नल संतोष 50 जवानों के साथ स्टैंड ऑफ पॉइंट का जायजा लेने गए थे। वे यह देखने गए थे कि चीनी सैनिक वापस लौटे या नहीं। लेकिन इसी दौरान चीन ने साजिश रची। भारतीय सैनिक जब एलएसी पर चीन के अवैध रूप से बने निर्माण को तोड़ रहे थे, तभी बड़ी संख्या में चीनी सैनिक वहां पहुंच गए। यहां करीब 250 चीनी सैनिक पहुंचे। (फोटो- सिम्बॉलिक)
इन सैनिकों ने समझौते के मुताबिक, पीछे हटने से इनकार कर दिया। जब भारत की ओर से कर्नल संतोष बाबू बातचीत कर रहे थे तो चीनी सैनिकों ने हमला कर दिया। चीनी सैनिकों के पास रॉड, पत्थर थे। भारतीयों की तुलना में चीन के सैनिकों की संख्या 3-4 गुना थी। (फोटो- सिम्बॉलिक)
हालांकि, झड़प शुरू होने के बाद भारतीय सैनिकों की दूसरी टीम भी वहां पहुंची। भारतीय जवानों को भारतीय सीमा में घुसने से रोका। इसके साथ ही कांटेदार डंडों और तारों से हमला कर दिया। (फोटो- सिम्बॉलिक)
नदी में बहे जवान
गलवान नदी इस समय उफान पर है। दोनों सैनिकों के बीच झड़प भी नदी के किनारे हो रही थी। इस वजह से बड़ी संख्या में सैनिकों की नदी में बह कर मौत हो गई। झड़प के दौरान सैनिक घायल हो कर नदी में गिरे और बह गए। (फोटो- सिम्बॉलिक)
भारतीय सैनिकों को पेट्रोल पॉइंट 14 तक पहुंचने के लिए 5 जगहों पर नदी को पार करना पड़ता है। पहले बताया गया कि भारत की ओर से कर्नल संतोष समेत 3 जवान शहीद हुए हैं। बाद में पता चला कि सब जीरो तापमान में घायल जवान भी शहीद हो गए। (फोटो- सिम्बॉलिक)
चीन के 43 सैनिक हताहत
इस झड़प में चीन को भी भारी नुकसान पहुंचा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, चीन के सैनिकों की बातचीत से पता चला है कि उनके 43 सैनिक हताहत हुए हैं। इनमें से कई मारे गए हैं। कई घायल हुए हैं। हालांकि, चीन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन चीन ने हेलिकॉप्टरों से एलएसी के पास से घायलों को एयरलिफ्ट किया है। (फोटो- सिम्बॉलिक)
क्या है विवाद?
चीन ने लद्दाख के गलवान नदी क्षेत्र पर अपना कब्जा बनाए रखा है। यह क्षेत्र 1962 के युद्ध का भी प्रमुख कारण था। इसका विवाद को सुलझाने के लिए कई स्तर की बातचीत भी हो चुकी है। 6 जून को दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बैठक हुई थी। हालांकि, अभी विवाद पूरी तरह से निपटा नहीं है। (फोटो- सिम्बॉलिक)