MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • National News
  • चेहरे पर तेज जख्मों के निशान, पहचानना मुश्किल...शहीद जवानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखकर आ जाएगा गुस्सा

चेहरे पर तेज जख्मों के निशान, पहचानना मुश्किल...शहीद जवानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखकर आ जाएगा गुस्सा

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद पूरे देश में गुस्सा है। इस बीच शहीद भारतीय जवानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट चौंकाने वाली है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जवानों के शरीर पर गहरे जख्मों के निशान थे। हाइपोथर्मिया और एफइक्सीएशन भी कुछ जवानों की मौत का कारण बताया गया है। हमारे शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। जब ठंड के कारण शरीर अपनी गर्मी ज्यादा तेजी से खोने लगता है तो शरीर का तापमान नीचे गिरने लगता है। यदि यह 35 डिग्री या इससे कम हो जाता है तो इस स्थिति को हाइपोथर्मिया कहते हैं। 

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jun 19 2020, 04:47 PM IST| Updated : Feb 05 2022, 03:21 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
120

15 जून की रात पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। वहीं चीन के भी 40 सैनिक मारे गए हैं। हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
 

220

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि शहीदों के चेहरे और दूसरे अंगों पर तेज जख्मों के निशान मिले हैं। 
 

320
420

चीनी सेना ने लद्दाख के गलवान घाटी में संघर्ष के दौरान कील वाली रॉड  का इस्तेमाल किया था। अधिकारियों ने बताया कि करीब 17 जवानों के शरीर पर हिंसा के निशान मिले है।
 

520
620

शुरुआती रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कर्नल संतोष बाबू सहित तीन अन्य भारतीय सैनिकों के शरीर पर जख्मों के निशान नहीं थे। उनके सिर में गहरी चोट लगी थी। 
 

720
820

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन जवानों की मौत नदी में डूबने की वजह से हुई। जबकि अन्य जवानों की मौत गंभीर चोट लगने से हुई है। चीनी सैनिकों की बर्बरता के सबूत तीन जवानों के शव से भी पता चलता है। 
 

920
1020

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि उनके चेहरों को पहचानना मुश्किल हो रहा था। उन्होंने चाकू और नुकीली कील को घुसाने की बात से इंकार नहीं किया। 
 

1120
1220

गलवान घाटी सतह समुद्र से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर है। जिसके चलते यहां का तापमान शून्य डिग्री के करीब होता है।
 

1320
1420

झड़प में घायल एक जवान सुरेंद्र सिंह ने बताया था, चीनी सैनिकों ने धोखे से गलवान घाटी से निकलने वाली नदी पर अचानक हमला कर दिया। 4 से 5 घंटे तक दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष चलता रहा। 
 

1520
1620

सुरेंद्र ने बताया कि हिंसक झड़प के वक्त भारत की तरफ से करीब 2 से ढाई सौ जवान थे, लेकिन चीन पूरी तैयारी में था। उसकी तरफ 1000 जवान थे। पूरे के पूरे जवान भारतीय सैनिकों पर टूट पड़े। लेकिन हमने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। 
 

1720
1820

सुरेंद्र ने बताया, गलवान घाटी की नदी में हाड़- मांस गला देने वाली ठंडे पानी में यह संघर्ष चलता रहा। 
 

1920
2020

उन्होंने बताया, नदी के किनारे मात्र एक आदमी के लिए निकलने की जगह थी। इसलिए भारतीय सैनिकों को संभलने में परेशानी हुई। लेकिन भारतीय सैनिकों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। 
 

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved