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भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो के 2 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा, यह है यहां का पहला मोबाइल नेटवर्क
| Published : Mar 02 2021, 05:24 PM IST / Updated: Mar 02 2021, 05:50 PM IST
भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो के 2 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा, यह है यहां का पहला मोबाइल नेटवर्क
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बता दें कि यह मोबाइल नेटवर्क इस क्षेत्र में जहां सेना के लिए महत्वपूर्ण तो है ही, स्थानीय लोगों को भी इससे काफी सुविधा मिलेगी। बॉर्डर के गांवों में मोबाइल नेटवर्क होने से स्थानीय निवासियों को काफी फायदा होगा। यह काम तब शुरू किया गया, जब चुशुल के काउंसिलर कॉन्चोक स्टैन्जिन ने लेह स्थित 14वें कॉर्प्स कमांडर (XIV Corps Commander) लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन के समक्ष फाइबर ऑप्टिकल की सुविधा शुरू किए जाने का प्रस्ताव रखा। फाइबर ऑप्टिकल सर्विस की शुरुआत के बाद मेराक और खाकटेड इस इलाके के पहले गांव हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क काम करने लगा।
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चुशुल के काउंसिलर कॉन्चोक स्टैन्जिन ने कहा कि करीब 1 हफ्ता पहले हमने इसका प्रस्ताव मेनन साहब के सामने रखा और उन्होंने तुरंत इसका अप्रूवल दे दिया। इसके बाद 7 दिन के भीतर काम पूरा हो गया। यह 2G नेटवर्क इंडियन आर्मी के धनसिंह थापा पोस्ट के अलावा और दूसरे पोस्ट और पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर स्थित पोस्ट से जुड़ा हुआ है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद को देखते हुए सरकार ने लद्दाख और ज्मू-कश्मीर के बीच टेलिकॉम कनेक्टिविटी को मजबूत करने की योजना बनाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के 87 गांवों और लद्दाख के 57 गांवों को दूरसंचार सेवा से जोड़ने की जरूरत है। सभी जगह संचार आसानी से हो सके और इसकी व्यवस्था मजबूत हो, सरकार 100 फीसदी टेलिकॉम कवरेज की व्यवस्था करना चाहती है। यह कदम इसी दिशा में उठाया गया है और आने वाले दिनों में इसका विस्तार किया जाएगा।