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न रडार पकड़ पाएगा न केमिकल और बायलॉजिकल युद्ध का असर... नौसेना को जल्द मिलेगा यह हथियार
कोलकाता. दुश्मन को नेस्तानाबूत करने के लिए भारतीय नौसेना को नया हथियार मिलने वाला है। ऐसा हथियार, जो रडार की पकड़ में नहीं आएगा। जो परमाणु, केमिकल और बायलॉजिकल युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा। यह है आईएनएस कवरत्ती, जो जल्द ही भारतीय नौसेना को मिलेगा। इसका 90% हिस्सा भारत में ही बनाया गया है। कवरत्ती उन चार एंटी सबमरीन युद्धपोतों में से एक है, जिसका निर्माण भारतीय नौसेना ने किया है। इसके अलावा भारतीय नौसेना के पास ऐसे ही तीन और युद्धपोत हैं।
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सभी परीक्षण सफल, जल्द ही नौसेना को मिलेगा- यह कोलकाता में जहाज गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा बनाया गया था। 19 मई 2015 को लॉन्च किया गया था। सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल वी के सक्सेना ने बताया कि इस पोत के सभी परीक्षण सफल रहे हैं। इस महीने के अंत तक इसे सौंप दिया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि 'कावारत्ती' जीआरएसई द्वारा निर्मित 104 वां जहाज होगा। यह 4 डीजल इंजनों से चलने वाला यह युद्धपोत 3000 kw का पावर जनरेट करता है। कावारत्ती स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस है।
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इसमें एक मध्यम श्रेणी की बंदूक, टारपीडो ट्यूब लांचर, रॉकेट लांचर और एक नजदीकी हथियार प्रणाली है।
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किसी भी स्थिति में दुश्मन को कर देगा नेस्तानाबूत- इसका 90 प्रतिशत हिस्सा भारत में ही निर्मित है। यह पोत परमाणु, केमिकल और बायलॉजिकल युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा। रडार की पकड़ में न आने की वजह से नौसेना की ताकत में इजाफा होगा।
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