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Infantry Day: कश्मीर के इतिहास का गौरवशाली दिन, जब कबायलियों को खदेड़ने खास 'मिशन' पर उतरे थे भारत के जांबाज
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बता दें कि आजादी के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने हमला कर दिया था। यह हमला मुजफ्फराबाद(अब POK) के अलावा उड़ी, बारामूला, पुंछ और नौशेरा सेक्टर पर किया गया था। तब महाराजा हरि सिंह ने भारत में विलय करने का फैसला किया था।
कश्मीर से कबायलियों को खदेड़ने भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट को वायुसेना के एयरक्राफ्ट से श्रीनगर एयरपोर्ट(तब यह बडगाम था) उतारी गई थी। सेना ने सबसे पहले एयरपोर्ट से पाकिस्तानियों को भगाया और फिर बाकी हिस्सों से उन्हें खदेड़ा।
कश्मीर से खदेड़े जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इस बार पाकिस्तान 27 अक्टूबर को कश्मीर ब्लैक डे मना रहा है। इसके लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 1000 डॉलर का फंड भी रिलीज किया है। इसके पीछे जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त होना भी है। धारा 370 हटने के बाद से पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों के जरिये लगातार हरकतें कर रहा है।
1947-1948 के भारत-पाक युद्ध की यह तस्वीर दिखाती है कि भारतीय सेना ने किस अदम्य साहस का परिचय देकर कश्मीर से कब्जा करने वालों को खदेड़ा था।
बेशक 1947-1948 में भारतीय सेना के पास बेहतर संसाधन नहीं थे, लेकिन जिस हिम्मत और सूझबूझ से उन्होंने अतिक्रमणकारियों को कश्मीर से भगाया था, वो इतिहास में सुनहरे अक्षरों में अंकित है।
75वें इन्फैंट्री डे (Infantry Day) के मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत(General Bipin Rawat), COAS जनरल एमएम नरवणे ने युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने एक tweet किया है-इन्फैंट्री दिवस पर हमारे बहादुर इन्फैंट्रीमेन को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं। वे अटूट साहस और वीरता के प्रतीक हैं। देश की सेवा करते हुए उनकी सेवा और बलिदान को देश सलाम करता है।