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Target Killing: मां बोली थी-बेटा नौकरी छोड़कर आ जा, हम भूखे नहीं मर रहे हैं, अब हमेशा रुलाएगी ये तस्वीर
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विजय की 4 महीने पहले ही मैरिज हुई थी। कुछ समय पहले उसकी पोस्टिंग कुलगाम में हुई थी। मां ने घटना के 2 दिन पहले ही उससे बात की थी। विजय जल्द 15 दिन की लीव पर घर आने वाला था। उसकी पत्नी भी एक महीने कश्मीर में साथ रहकर लौटी थी।
विजय कुमार के पिता ओम प्रकाश बेनीवाल ने बताया कि वो ईडीबी में मार्च 2019 में भर्ती हुआ था। फरवरी में मैरिज हुई थी। पिता ने कहा कि शायद नीयती को यह मंजूर था।
विजय कुमार ने हफ्तेभर पहले ही कुलगाम ब्रांच में ड्यूटी ज्वाइन की थी। इससे पहले वे केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और भारतीय स्टेट बैंक के सह-स्वामित्व वाले बैंक की कोकरनाग ब्रांच में थे। टार्गेट किलिंग की घटनाओं को लेकर जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शन हो रहे हैं।
घटना का एक CCTV सामने आया था। इसमें कुलगाम जिले में इलाकाही देहाती बैंक की अरेह शाखा में घुसने के बाद 2 जून को एक आतंकवादी ने बैंक मैनेजर विजय कुमार पर गोली चलाई थी। कुमार को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका था।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी( Asaduddin Owaisi) ने जम्मू-कश्मीर में टार्गेट किलिंग के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भाजपा सरकार ने अभी भी इससे कोई सबक नहीं सीखा है। इतिहास और वही गलतियां दोहरा रहे हैं। जो गलती हमने वर्ष 1989 में की थी, वही गलती नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है। 1989 में ए राजनीतिक आउटलेट बंद कर दिया गया था और घाटी (कश्मीर) के राजनेताओं को बोलने की अनुमति नहीं थी। वे वही गलतियां कर रहे हैं। 1987 के चुनावों में धांधली हुई थी और इसके परिणाम 1989 में देखे गए थे।"