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निर्भया के दोषियों की अब तक की सबसे बड़ी चाल,अब अंतरराष्ट्रीय अदालत में चलेगा निर्भया का केस?
नई दिल्ली. निर्भया के दोषी चौथी बार भी फांसी से बचने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सोमवार को दोषी मुकेश को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मुकेश द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, मुकेश ने याचिका दाखिल कर अपनी पूर्व की वकील वृंदा ग्रोवर पर आरोप लगाया था और कार्रवाई की मांग की थी।
| Published : Mar 16 2020, 03:51 PM IST / Updated: Mar 16 2020, 04:37 PM IST
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मुकेश ने लगाया था यह आरोपः दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में अपनी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उस पर दबाव डालकर क्यूरेटिव पिटीशन जल्दी दाखिल करवाई है। जबकि यह याचिका दायर करने के लिए काफी समय बचा था। जिसके बाद दोषी मुकेश ने मांग की थी कि उसे फिर से क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका दाखिल करने के लिए जुलाई 2021 तक का मौका दिया जाए। मुकेश ने यह भी मांग की थी कि वकील वृंदा ग्रोवर पर आपराधिक साजिश रचने और विश्वासघात करने की दफाओं के तहत मुकदमा चलाया जाए। यह याचिका मुकेश के वकील मनोहर लाल शर्मा ने दाखिल की थी। (फाइल फोटोः निर्भया का दोषी मुकेश)
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20 मार्च को होनी है फांसीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करते हुए 20 मार्च की तारीख तय की है। जब चारों दोषियों क्रमशः विनय, मुकेश, पवन और अक्षय को फांसी पर लटकाया जाएगा। वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी की तैयारियां भी शुरू कर दी है। (फाइल फोटोः निर्भया के चारों दोषी)
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दोषी विनय ने भी दाखिल की है याचिकाः दोषी विनय ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। दायर याचिका में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा खारिज की गई उसकी दया याचिका की प्रक्रिया में खामियां और कानूनी कमियां हैं। दोषी विनय ने अपनी याचिका में दलील दी है, जब दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने उसकी दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की तो उस समय दिल्ली में चुनाव आचार सहिंता लागू थी। ऐसे में मंत्री सत्येंद्र जैन उसकी दया याचिका पर सुझाव कैसे दे सकते थे? (फाइल फोटोः निर्भया का दोषी विनय)
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3 बार टल चुकी है फांसीः निर्भया के चारों दोषी 3 बार फांसी से बच चुके हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सबसे पहले 7 जनवरी को डेथ वारंट जारी किया था। जिसमें दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 6 बजे फांसी दी जानी थी। लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से यह फांसी टल गई। जिसके बाद कोर्ट ने दूसरी बार डेथ वारंट जारी करते हुए 1 फरवरी की तारीख तय की थी। लेकिन दोषियों के कानूनी दांव पेंच के कारण 31 जनवरी को कोर्ट ने अनिश्चितकाल के लिए फांसी टाल दी।
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दो बार फांसी टलने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने तीसरा डेथ वारंट जारी करते हुए दोषियों को 3 मार्च को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया था। लेकिन यह तारीख भी कानूनी दांव पेंच के कारण आगे बढ़ानी पड़ी। इसके बाद कोर्ट ने चौथी बार डेथ वारंट जारी करते हुए 20 मार्च को फांसी की तारीख तय की है।
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नहीं बचा है कोई कानूनी विकल्पः निर्भया के दोषियों के फांसी से बचने के लिए सारे कानून विकल्प खत्म हो गए है। हालांकि दोषी बचने के लिए कोई न कोई तरकीब खोज ही ले रहे हैं। लेकिन चारों दोषियों को मिलने वाले कानूनी विकल्प (क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका) खत्म हो गए हैं। अभी तक दोषी इन्हीं विकल्पों के कारण बचते आए है।
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कौन हैं निर्भया के चारों दोषी? निर्भया (Nirbhaya) के पहले दोषी का नाम अक्षय ठाकुर है। यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है। दूसरे दोषी को नाम मुकेश सिंह है। यह बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था।
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गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था। तीसरा दोषी पवन गुप्ता है। पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। चौथा दोषी विनय शर्मा है। विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।
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निर्भया के साथ चलती बस में हुई थी दरिंदगीः 16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी।दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे। इसके बाद निर्भया का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चला था। जहां से उसे सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
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17 को तिहाड़ जेल पहुंचेगा पवन जल्लादः निर्भया के दोषियों को फांसी देने की तारीख नजदीक आती जा रही है। तिहाड़ जेल ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए पवन जल्लाद 17 मार्च को तिहाड़ जेल पहुंचेगा। जहां दरिंदों के डमी को फांसी दी जाएगी। इसके साथ ही अन्य तैयारियों को अंजाम दिया जाएगा।
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निर्भया के दोषियों ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में फांसी पर रोक लगाने के लिए याचिका दाखिल की है। दोषियों ने अंतरराष्टीय कोर्ट से इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग करते हुए फांसी को गैरकानूनी बताया है।