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जज साहब मुझे भी मार दो...कह दहाड़े मारकर रोई दोषी अक्षय की पत्नी, कोर्ट के बाहर ही हो गई बेहोश
| Published : Mar 19 2020, 04:03 PM IST / Updated: Mar 19 2020, 04:21 PM IST
जज साहब मुझे भी मार दो...कह दहाड़े मारकर रोई दोषी अक्षय की पत्नी, कोर्ट के बाहर ही हो गई बेहोश
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फांसी से पहले कोर्ट के बाहल अक्षय की पत्नी पति के लिए रोती रही। उसने कहा कि हमें न्याय चाहिए। वो अदालत के बाहर रोते-रोते बेहोश गई थी।
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अदालत के बाहर रोते हुए वो कहती रही कि, "मुझे भी न्याय चाहिए। मुझे भी मार दो। मैं जीना नहीं चाहती। मेरा पति निर्दोष है। समाज हमारे खिलाफ क्यों है?" "हम इस उम्मीद के साथ जी रहे थे कि हमें न्याय मिलेगा लेकिन हम पिछले सात सालों से रोज़ मारे जा रहे हैं।"
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अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता देवी ने कोर्ट में तलाक की अर्जी डाली हुई है। इस पर कोर्ट औरंगाबाद के पारिवारिक न्यायालय में आज ही सुनवाई भी होनी थी, लेकिन पुनीता देवी सुनवाई के वक्त वहां नहीं पहुंची। ऐसे में सुनवाई को 24 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है। बता दें कि 20 मार्च यानी कल ही चारों दोषियों को फांसी दी जानी है। ऐसे में माना जा रहा है कि ये सब फांसी की सजा को टालने के लिए किया गया था।
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निर्भया के दोषी अक्षय का एक बच्चा भी है। गुरूवार को दोषियों को फांसी होनी है। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में कानूनी राहत पाने के लिए चारों दोषियों की किसी भी अदालत ने कोई याचिका लंबित नहीं है।
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है।
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मामले के चारों दोषियों में से तीन ने उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था और कहा था उनमें से एक की दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है। पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था। चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी।