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मौत से पहले आखिरी बार मिल लें...जेल प्रशासन ने लिखी चिट्ठी, लेकिन दोषियों का परिवार नहीं मिलना चाहता!
| Published : Jan 24 2020, 01:13 PM IST / Updated: Jan 25 2020, 11:55 AM IST
मौत से पहले आखिरी बार मिल लें...जेल प्रशासन ने लिखी चिट्ठी, लेकिन दोषियों का परिवार नहीं मिलना चाहता!
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दोषी मुकेश, मुख्य दोषी राम सिंह का भाई है। वह अपने बड़े भाई के साथ दक्षिण दिल्ली के रविदास झुग्गी झोपड़ी कॉलोनी में रहता था। वह कभी-कभी बस चलाने और साफ-सफाई का काम भी करता था।
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मुकेश सिंह को निर्भया और उसके दोस्त को लोहे की रॉड से पीटने का दोषी पाया गया था। कोर्ट में मुकेश ने कहा था कि घटना की रात वह बस चला रहा था और चार आरोपियो ने निर्भया के साथ रेप किया और उसके दोस्त की पिटाई की। लेकिन कोर्ट ने मुकेश की बात नहीं मानी और उसे मौत की सजा सुनाई।
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दोषी पवन गुप्ता भी दिल्ली का रहने वाला है। वह फल बेचने का काम करता था। पवन ने दावा किया था कि घटना के वक्त वह बस में मौजूद नहीं था। वह भी विनय के साथ संगीत कार्यक्रम सुनने गया था।
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पवन के पिता हीरा लाल ने कोर्ट में कहा था कि घटना वाले दिन उनका बेटा दोपहर को दुकान बंद कर घर चला गया था। शराब पीकर और खाना खाकर पास के पार्क में संगीत कार्यक्रम सुनने चला गया था।
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दोषी अक्षय ठाकुर का परिवार बिहार का रहने वाला है। अक्षय को गैंगरेप के 5 दिन बाद 21 दिसंबर को बिहार से गिरफ्तार किया गया। अक्षय साल 2012 में ही बिहार से दिल्ली आया था। उसने भी घटना के वक्त बस में मौजूद होने से इनकार किया था।
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अक्षय पर बलात्कार, हत्या और अपहरण के साथ ही घटना के बाद सबूत मिटाने की कोशिश करने का आरोप है।
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दोषी विनय शर्मा रविदास झुग्गी झोपड़ी में रहता था। वह जिम ट्रेनर का काम करता था। 6 दोषियों में सिर्फ विनय ही इकलौता है जिसने स्कूल में पढ़ाई की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसे अच्छी अंग्रेजी आती है।
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विनय ने साल 2013 में कॉलेज का एग्जाम देने के लिए एक महीने के लिए जमानत की अर्जी दी, लेकिन कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। कोर्ट में विनय ने कहा था कि घटना के वक्त वह बस में नहीं था। वह दोषी पवन गुप्ता के साथ संगीत कार्यक्रम देखने गया था।