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मौत को करीब देख कुछ यूं डर के साए में जी रहे दोषी, विनय ने दीवार पर सिर पटककर खुद को किया चोटिल
| Published : Feb 20 2020, 08:56 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:24 PM IST
मौत को करीब देख कुछ यूं डर के साए में जी रहे दोषी, विनय ने दीवार पर सिर पटककर खुद को किया चोटिल
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जेल प्रशासन का कहना है कि उसे मामूली चोट लगी है। अब दोषियों के सेल के सामने अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी को तैनात कर उनकी चौकसी बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही उनकी लगातार काउंसिलिंग की जा रही है। (फाइल फोटो- निर्भया का दोषी विनय)
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जेल सूत्रों का कहना है कि तीसरी बार डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषी आक्रमक हो गए हैं। पहले से उनके स्वभाव में आक्रमकता बढ़ गई है। उन्हें मामूली बात पर गुस्सा आ रहा है। हालांकि वह किसी से ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं। लेकिन अपने सेल में ही वह लगातार अपने गुस्से जाहिर कर रहे हैं। मंगलवार को विनय अपने सेल की दीवार पर अचानक सिर को पटकने लगा। यह देखकर वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी तुरंत उसके सेल में घुसे और उसको रोका। (फाइल फोटो- तिहाड़ जेल)
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घटना की जानकारी मिलने के बाद जेल में हड़कंप मच गया। वहीं, विनय के सिर में मामूली चोट आने के बाद तुरंत जेल के अस्पताल में इलाज करवाया गया। जेल अधिकारियों का कहना है कि विनय को ज्यादा चोट नहीं लगी है। अब जेल प्रशासन उसकी आक्रमकता को देखकर एक अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी को उसके सेल के बाहर तैनात कर दिया है। (फाइल फोटो- जेल के भीतर सेल)
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दोषियों की स्थिति को देखते हुए जेल प्रशासन ने सेल में अलार्म लगाया है। ताकि आपात स्थिति से निपटा जा सके। जेल सूत्रों का कहना है कि विनय के साथ साथ तीन अन्य दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय के सेल के बाहर भी अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी को तैनात किया है जो सिर्फ दोषियों पर नजर रखेंगे। इसके साथ ही दोषियों को सामान्य रखने के लिए उनकी लगातार काउंसिलिंग की जा रही है। उनपर सीसीटीवी की भी निगरानी बढ़ा दी गई है। (फाइल फोटो- निर्भया के चारों दोषी)
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3 मार्च को दी जाएगी फांसीः निर्भया के दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल के फांसी घर में फांसी पर लटकाया जाएगा। पटियाला कोर्ट ने दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया है। हालांकि एक दोषी पवन के पास अभी भी क्यूरेटिव और दया याचिका दाखिल करने का अधिकार सुरक्षित है। (फाइल फोटो- तिहाड़ जेल के भीतर बंद कैदियों की स्थिति)
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दो बार बच चुके हैं मौत सेः निर्भया के दोषियों को फांसी के लिए यह तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया गया है। उससे पहले दोषियों को दो बार फांसी पर लटकाने के लिए तारीख तय की गई थी। लेकिन कानूनी दांव पेच के कारण दोनों तारीखें टल गईं। दोषियों को पटियाला कोर्ट ने 21 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया था। लेकिन इस डेट पर रोक लग गई। जिसके बाद कोर्ट ने 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया। फिर दोषियों ने कानूनी अधिकारों का प्रयोग कर फांसी पर रोक लगवा दी। (फाइल फोटो- निर्भया के चारों दोषी, जिन्हें फांसी दी जानी है।)
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16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी। दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे।इसके बाद निर्भया का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चला था। जहां से उसे सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। ( निर्भया के चारों दोषियों की प्रोफाइल)
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दिसंबर 2012 में हुई घटना के बाद से निर्भया के दोषियों को 7 साल से सजा दिलाने के लिए निर्भया के माता-पिता कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। सात साल बाद निर्भया के परिजनों को उम्मीद जगी है कि बेटी के साथ हैवानियत करने वालों को मौत मिल पाएगी। (फाइल फोटो- निर्भया के माता-पिता)