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ऑक्सफोर्ड से कोवैक्सिन तक....जानिए भारत के लिए कौन सी वैक्सीन है सबसे अच्छी, कौन सी पड़ेगी जेब पर भारी
नई दिल्ली. पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। ऐसे में सभी की नजरें अब कोरोना वैक्सीन पर टिकी हैं। कई देशों में वैक्सीन पर काम आखिरी चरण में हैं। वहीं, कुछ वैक्सीन ट्रायल के तीसरे और चौथे चरण में हैं। कुछ वैक्सीन ने तो कीमत का भी ऐलान कर दिया है। फाइजर, ऑक्सफोर्ड और मॉडर्ना ने तीसरे ट्रायल की रिपोर्ट्स भी जारी कर दी। जबकि भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत में अगले साल की पहली तिमाही तक वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। उधर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी उम्मीद जताई है कि भारत में 2021 के शुरुआती दो-तीन महीने में वैक्सीन आ जाएगी। उन्होंने दावा किया कि सितंबर तक भारत 20-30 करोड़ों लोगों को वैक्सीन देने की स्थिति में होगा। हालांकि, सरकार ने वैक्सीन के लिए उल्टी गिनती भी शुरु कर दी है। आईए जानते हैं कि भारत को कौन कौन सी वैक्सीन मिल सकती हैं, और उनकी क्या कीमतें हैं.....
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ऑक्सफोर्ड: कब आएगी वैक्सीन
भारत को जिस कोरोना वैक्सीन से सबसे ज्यादा उम्मीद है, वह ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन है। कोविशील्ड वैक्सीन को बनाने के लिए भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने समझौता भी किया है। यह वैक्सीन 90% तक प्रभावी साबित हुई है। इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्र्रायल के नतीजे सोमवार को जारी किए गए थे। इसमें पता चला है कि यह टीका बिना लक्षण वाले संक्रमण के मामलों में वायरस के प्रसार को कम कर सकता है।
कितनी होगी कीमत?
यह वैक्सीन काफी किफायती है। कंपनी के मुताबिक, वैक्सीन की एक डोज की कीमत 3 से 5 डॉलर हो सकती है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया इस वैक्सीन की 100 करोड़ डोज बनएगा। कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने हाल ही में दावा किया था कि यह वैक्सीन जनवरी में लॉन्च हो सकती है। इसकी कीमत 225 रुपए के आसपास हो सकती है। यानी दो डोज करीब 500 रुपए में लगेंगी।
फाइजर: कब मिलेगी वैक्सीन
अमेरिकी कंपनी फाइजर ने जर्मनी की बायोएनटेक के साथ मिलकर वैक्सीन बनाई है। कंपनी का दावा है कि यह तीसरे चरण में 95% तक असरदार रही। इसे अब तक की सबसे असरदार वैक्सीन माना जा रहा है। अमेरिका में इस वैक्सीन के दिसंबर-जनवरी में उपलब्ध होने की उम्मीद है। इस वैक्सीन को शून्य से भी कम तापमान (-70 डिग्री सेल्सियस) पर स्टोर करना पड़ता है। इसे इसकी सबसे बड़ी खामी माना जा रहा है। भारत सरकार फाइजर पर नजर बनाए हुए है, हालांकि, अभी खरीदने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है।
कितनी होगी कीमत
कंपनी ने अमेरिका की सरकार के साथ वैक्सीन के एक डोज की कीमत 19.50 डॉलर (1,446 रुपए) के हिसाब से डील की है। वहीं, वैक्सीन की दो डोज यानी एक टीके की कीमत करीब 2900 रुपए होगी।
मॉडर्ना: कब आएगी वैक्सीन
अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन पर भी दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। कंपनी ने हाल ही में दावा किया था कि यह तीसरे चरण में 94.5 फीसदी तक प्रभावी पाई गई है। मॉडर्ना की वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में 30 दिन तक सुरक्षित रह सकती है। हालांकि, इसे 6 महीने से ज्यादा स्टोर करके रखने के लिए माइनस 20 डिग्री तापमान की जरूरत पड़ती है। कंपनी का दावा है कि इस साल के अंत तक दो करोड़ खुराक का उत्पादन हो जाएगा। वहीं, अगले साल की पहली तिमाही तक वैक्सीन टीके के लिए उपलब्ध हो सकती है।
जानिए कितनी होगी कीमत?
मॉडर्ना ने रविवार को टीके के दामों का ऐलान किया है। कंपनी के मुताबिक, एक खुराक की कीमत 1800 से 2800 रुपए के बीच होगी। कोरोना से निपटने के लिए एक शख्स को दो खुराक की जरूरत होगी। यानी एक व्यक्ति को वैक्सीन के लिए 3600 से 5600 रुपए चुकाने होंगे।
भारत में इन दो वैक्सीन पर भी चल रहा ट्रायल
इन तीन वैक्सीन के अलावा भारत में दो वैक्सीन पर और ट्रायल चल रहा है। इनमें से एक है भारत बायोटेक की Covaxin और दूसरी जायडस कैडिला की ZyCov-D। भारत सरकार इन दोनों वैक्सीन के ट्रायल पर नजर रख रही है। भारत सरकार को ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और स्वदेशी Covaxin से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। क्योंकि इन दोनों वैक्सीन को आसानी से स्टोर और डिस्ट्रीब्यूट किया जा सकता है।
कब तक आएंगी ये वैक्सीन?
माना जा रहा है कि भारत में कोविशील्ड जनवरी तक और कोवैक्सीन फरवरी तक इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकती हैं। भारत में सबसे पहले वैक्सीन कोरोना वॉरियर्स यानी हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी। इसके अलावा हाई रिस्क वाले मरीजों को भी प्राथमिकता में रखा जाएगा।