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दो बार टल चुकी है फांसी, अब और देर नहीं किया जा सकता... कोर्ट जारी कर सकता है मौत का तीसरा पैगाम!

नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए पूरा देश इंतजार कर रहा है। वहीं, फांसी के लिए नए डेथ वारंट की मांग को लेकर दाखिल की गई याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में आज सुनवाई होगी। दोषी पवन को अदालत की ओर से मुहैया करवाए गए नए वकील पहली बार मामले में पवन का पक्ष रखेंगे। तिहाड़ प्रशासन और निर्भया के माता-पिता चारों दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने के लिए नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की है।  

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Asianet News Hindi
Published : Feb 17 2020, 08:56 AM IST
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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा तिहाड़ और निर्भया के माता-पिता के परिजनों की याचिका पर सुनवाई करेंगे। पिछले सुनवाई में कोर्ट ने दोषी पवन के केस को पेश करने के लिए सरकारी वकील रवि काजी की नियुक्त किया। इससे पहले पिछले वकील एपी सिंह अदालत में पवन की पैरवी कर रहे थे। सोमवार को रवि काजी पहली बार दोषी पवन की ओर से अपनी दलीलें पेश करेंगे और यह भी बताएंगे कि क्या पवन की ओर से क्यूरेटिव या दया याचिका दायर की गई या नहीं। वहीं दूसरी ओर निर्भया के पक्ष के वकील दोषियों की फांसी के लिए नया डेथ वारंट जारी करने की मांग करेंगे। (फाइल फोटो- निर्भया के चारों दोषी)
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वर्तमान में निर्भया के चार दोषियों में से तीन दोषियों विनय, मुकेश और अक्षय के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं, जिससे इनके फांसी का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन चौथे दोषी पवन के पास अभी भी क्यूरेटिव और दया याचिका दायर करने का मौका है। हालांकि पांच फरवरी को हाईकोर्ट ने दोषियों के सभी कानूनी विकल्पों के उपयोग का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन इस अवधि के बीच दोषी पवन की ओर से कोई याचिका दायर नहीं की गई। (फाइल फोटो- तिहाड़ जेल का बैरक)
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सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ किया रूखः केंद्र सरकार ने निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी पर चढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जहां मामले की सुनवाई की जा रही है। वहीं, पिछले दिनों सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि ट्रायल कोर्ट दोषियों की फांसी के लिए नया डेथ वारंट जारी कर सकती है। (फोटो- निर्भया के चारों दोषियों की फाइल फोटो)
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जारी हो सकता है डेथ वारंटः पिछली सुनवाई में दोषी पवन के पिता ने किसी भी कानूनी उपचार के प्रयोग करने से इंकार किया था। अगर पवन की ओर से वाकई क्यूरेटिव या दया याचिका दायर नहीं की जाती तो अदालत नियमों के तहत चारों दोषियों को फांसी देने के लिए नया डेथ वारंट जारी कर सकती है। यह नियम है कि अगर किसी दोषी की कोई याचिका लंबित नहीं है तो डेथ वारंट जारी किया जा सकता है। हालांकि दोषी पवन के पास अभी भी क्यूरेटिव और दया याचिका दायर करने के विकल्प मौजूद हैं।
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दो बार टल चुकी है फांसी निर्भया के दोषी मौत से बचने के लिए लगातार तमाम कोशिशें कर रहे हैं। इन सब के बीच दोषी दो बार मौत को टाल भी चुके हैं। दरअसल, पटियाला कोर्ट ने डेथ वारंट जारी करते हुए दोषियों को 21 जनवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश जारी किया था। लेकिन दोषियों ने कानूनी दांव पेंच का प्रयोग कर फांसी टलवा ली। जिसके बाद कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करते हुए 01 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी चढ़ाने का आदेश दिया। लेकिन फांसी से एक दिन पहले दोषियों ने मौत को टलवा दिया। ऐसे में निर्भया के चारों दोषी दो बार फांसी से बच चुके हैं। (फाइल फोटो- निर्भया के साथ इसी बस में की गई थी दरिंदगी)
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क्या है पूरा मामला सात साल पहले यानी 16 दिसंबर 2012 को दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर रात में पैरामेडिकल की छात्रा (निर्भया) अपने दोस्त के साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। (फाइल फोटो- निर्भया के चारों दोषी, जिन्हें फांसी पर लटकाया जाना है।)
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छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई। (फाइल फोटो- निर्भया के माता-पिता, जो सात सालों से न्याय का इंतजार कर रहे हैं।)

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