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दिल्ली हिंसा के पीछे कौन, नकाब पहनकर आए थे हमलावर, पुलिस को हाथ लगी चौंकाने वाली कुछ और तस्वीरें-वीडियो
नई दिल्ली. 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे किसी गहरी साजिश की परतें खुलती जा रही हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच को अपनी जांच में ऐसी तस्वीरें और वीडियो हाथ लगे हैं, जिनमें हमलावर नकाब पहने दिख रहे हैं। पुलिस को आशंका है कि किसानों के भेष में शरारती तत्व पूरी प्लानिंग से हिंसा के मकसद से आए थे। हिंसा को लेकर पुलिस बारीकी से जांच कर रही है, ताकि पता चले कि हमलावरों का इरादा क्या था। दिल्ली क्राइम ब्रांच को इस मामले में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। नेशनल फॉरेंसिक एक्सपर्ट को ऐसी तस्वीरें और वीडियो भी हाथ लगे हैं, जो दिखाती हैं कि हमलावर पूरी तैयारी से आए थे। यानी इस हिंसा की तैयारी पहले से की गई थी।
| Published : Feb 05 2021, 12:35 PM IST / Updated: Feb 05 2021, 12:36 PM IST
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बता देंकि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के दौरान दिल्ली के लाल किले पर हिंसा हुई थी। इसम मामले में दिल्ली पुलिस ने पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू और दूसरे आरोपियों जुगराज सिंह, गुरजंट सिंह के बारे में जानकारी देने पर 1-1 लाख रुपए का ऐलान किया है। इस हिंसा में शामिल लोगों की भी पुलिस ने तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं।
दिल्ली क्राइम ब्रांच को जो तस्वीरें हाथ लगी हैं, उनमें हमलावर नकाब पहनकर पहुंचे थे। वे पुलिसवालों पर हमला करते दिख रहे हैं। उन्होंने घेरकर पुलिसवालों की पिटाई की थी। अब दिल्ली पुलिस इनकी तलाश कर रही है।
दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस ने कई केस दर्ज किए हैं। इस मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि बड़े आरोपी अभी फरार हैं।
पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस ने 12 फोटो जारी किए थे, जिनमें हमलावर तोड़फोड़ करते दिखाई दे रहे हैं। इन तक पहुंचने के लिए पुलिस साइबर टीम का भी सहारा ले रही है।
इस बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दावा किया कि 26 जनवरी की हिंसा में 115 लोगों को अलग-अलग जेलों में बंद किया गया है। इनके परिजन उन्हें ढूंढ रहे हैं।
तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह हमलावर तैयारियों से आए थे। उनका मकसद आगजनी, तोड़फोड़ और खून-खराबा ही था।
दिल्ली हिंसा को लेकर सरकार के खुफिया तंत्र और व्यवस्थाओं की नाकामी भी सामने आई थी। हिंसा का अलर्ट जारी होने के बावजूद पुलिस ने पुख्ता इंतजाम नहीं किए।