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ये हैं पीएम मोदी के स्पेशल 12...कोई है यंग तो कोई रिटायर; इनके कंधों पर है कोरोना को हराने की जिम्मेदारी
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देश के हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत करना हो या लॉकडाउन पर फैसले लेना, पीएम इस टीम से कंसल्ट किए बिना आगे नहीं बढ़ते। मार्च की शुरुआत में बनाई गई यह टीम पीएम को महामारी से जुड़े हर टेक्निकल पॉलिसी डिसिजन पर सलाह देती है। इस टीम में केंद्र सरकार के टॉप अधिकारियों के अलावा, देश के नामी डॉक्टर्स, महामारी विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री, बायो-साइंटिस्ट्स और इकनॉमिस्ट्स शामिल हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के भी कई अधिकारी इस कोर टीम का हिस्सा हैं। प्रधान सचिव पीके मिश्रा इन सभी से कोऑर्डिनेट करते हैं।
पीएम तक हर सूचना पहुंचाते हैं पीके मिश्रा
कोरोना के खिलाफ जारी जंग में पीके मिश्रा प्रधाानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रटरी भी शामिल हैं। वह सभी कोर ग्रुप्स से कोऑर्डिनेट करते हैं, एक्सपर्ट्स के टच में रहते हैं। हर फैसले और सुझाव को लेकर मिश्रा पीएम मोदी के पास जाते हैं। 1972 बैच के गुजरात कैडर के IAS मिश्रा, 11 सितंबर 2019 को पीएम के प्रिंसिपल सेक्रटरी बनाए गए थे।
PMO से संपर्क की पहली सीढ़ी सूदन
सरकार द्वारा एक्सटेंशन पाने वाली प्रीति सूदन लगातार राज्यों के संपर्क में रहकर कोरोना को रोकने की कोशिश में लगी हैं। वह केंद्र के सभी डिपार्टमेंट्स से कोऑर्डिनेट करती हैं ताकि सरकार की पॉलिसीज ठीक से लागू हो सकें। चीन के वुहान से 645 भारतीय स्टूडेंट्स को निकालने में भी प्रीति ने अहम भूमिका निभाई। यूं समझिए कि COVID-19 को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क की वही पहली सीढ़ी हैं। आंध्र कैडर की 1983 बैच की ऑफिसर सूदन ने जून 2019 में हेल्थ सेक्रटरी का पद संभाला था। वह राज्य और केंद्र स्तर पर कई अहम पद संभाल चुकी हैं। 2019 में केरल में आई बाढ़ के दौरान प्रीति की सक्रियता को खासा सराहा गया था।
COVID-19 टॉस्क फोर्स के चीफ हैं डॉ. वीके पॉल
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल Covid-19 को लेकर बनी टास्क फोर्स के चीफ हैं। उनके जिम्मे आपातकालीन सेवाएं, मेडिकल इक्विपमेंट्स और दवाओं की सप्लाई है। पॉल एक और टीम के सभी सदस्य हैं जो Covid-19 पर रिसर्च को लेकर बनी है। इसमें साइंटिस्ट्स के अलावा कई वैज्ञानिक विभागों के सचिव भी शामिल हैं। लैब्स में टेस्टिंग शुरू करने का सुझाव इसी टीम का था।
विजयराघवन साइंस रिसर्च की टीम को करते हैं लीड
कृष्णास्वामी विजयराघवन भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर हैं। वे और वीके पॉल उस ग्रुप को लीड करते हैं जो साइटिफिक संस्थाओं से कोऑर्डिनेट करती है। इस टीम में ICMR रिसर्चर्स के अलावा साइंस एंड टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट्स व अन्य सरकारी रिसर्च संस्थानों के सचिव भी शामिल हैं।
टेस्टिंग और बीमारी के बारे में जानकारी जुटाते हैं ICMR के डीजी
कोरोना से लड़ाई में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का नाम चर्चा में बना हुआ है। सरकार ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इसके डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव पर COVID-19 टेस्टिंग की व्यवस्था और बीमारी से जुड़ा डेटा जुटाने का जिम्मा सौंपा है। मरीजों के डेली आंकड़े ICMR के जरिए ही हेल्थ मिनिस्ट्री रिलीज करती है। इसके अलावा COVID-19 वैक्सीन को लेकर रिसर्च की देख-रेख भी ICMR के जिम्मे है।
डॉ. गंगाा खेडे़कर टेस्टिंग पर रखते हैं नजर
डॉ. रमन गंगाखेड़ेकर को अब लगभग हर भारतीय पहचानता होगा। वह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शुरू से ही सरकार का चेहरा रहे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री में जॉइंट सेक्रटरी लव अग्रवाल की तरह वह रोज मीडिया के सामने आकर COVID-19 के आंकड़े देश को बताते हैं। डॉ. गंगाखेड़ेकर ICMR के टॉप महामारी विशेषज्ञ और टेस्टिंग पर भी नजर रखते हैं।
गुलेरिया PM को बताते हैं सभी चुनौतियां
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया हेल्थ एक्सपर्ट्स ग्रुप में हैं। वह प्रधानमंत्री को COVID-19 से जुड़ी मेडिकल चुनौतियों और इलाज से जुड़ी अपडेट्स देते हैं।
प्राइवेट सेक्टर को संभालते हैं ये दो अफसर
NGOs और प्राइवेट सेक्टर से कोऑर्डिनेट करने के लिए एक स्पेशल टीम बनी है। इसके चीफ नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत हैं। PMO में जॉइंट सेक्रेटरी गोपाल बागले भी इस संबंध में कांत से कोऑर्डिनेट करते हैं।
PM के प्रधान सचिव की मदद करते हैं ये दो अफसर
पीके मिश्रा की मदद के लिए दो सीनियर अफसर हैं। 1988 बैच, हरियाणा कैडर के IAS ऑफिसर तरुण बजाज और IAS एके शर्मा उनकी कोऑर्डिनेशन में मदद करते हैं। दोनों अधिकारी एक्सपर्ट्स के साथ नोट्स एक्सचेंज करते हैं। बजाज को हाल ही में PMO से हटाकर डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स में सचिव बना दिया गया है। जबकि शर्मा को माइक्रा, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज में सेक्रटरी बनाया गया है।
कोरोना न फैले इसके लिए मिश्रा को दी गई है जिम्मेदारी
सी.के. मिश्रा 1983 बैच के IAS अधिकारी हैं और इस समय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव हैं। वह बीमारी का पता लगाने, टेस्टिंग, अस्पतालों को तैयार करने और क्वारंटीन प्रक्रिया देख रहे हैं। उनकी टीम का जिम्मा भारत में कोरोना वायरस को फैलने रोकना है।