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PM Modi Birthday: मोदी की 10 बातें जो हर एक युवा को सीखनी चाहिए, जिंदगीभर आएंगी काम
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पीएम मोदी से एक इंटरव्यू में पूछा गया कि आप किसे अपना सबसे बड़ा चैलेंजर मानते हैं। तब पीएम मोदी ने कहा था, आपको ही अपना सबसे बड़ा चैलेंजर होना चाहिए। सुधार करने के लिए हमेशा खुद से तुलना करें। मोदी को केवल मोदी ही चुनौती दे सकते हैं। उन्होंने कहा था- मैंने कई बार मोदी को चुनौती दी है और लगभग हर बार जीता हूं।
पीएम मोदी खुद को समय के साथ अपडेट करते हैं। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल और कम्युनिकेशन के नए तरीके सीखने में पीएम मोदी हमेशा आगे रहते हैं। उन्होंने #Sandesh2Soldiers, #MyCleanIndia, #IncredibleIndia, #SelfieWithDaughter जैसे कई नए कैंपेन भी चलाए, जिनसे देश-विदेश में करोड़ों लोग प्रभावित हुए। #SelfieWithDaughter भारत में नंबर 1 ट्विटर ट्रेंड बन गया था।
पीएम मोदी की ये क्वालिटी गुजरात चुनाव में दिखी थी। कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार पीएम नरेंद्र मोदी को चायवाला कहा था। नरेंद्र मोदी ने चाय-वाला टैग को अपनी पहचान बना लिया। अपने हर भाषण में एक या दो बार इसका जिक्र जरूर करते थे। इसी तरह राहुल गांधी ने उन्हें 'चौकीदार चोर' कहा तो उन्होंने इसे पॉजिटिव लिया। देखते ही देखते देश के हर एक नागरिक ने 'मैं भी चौकीदार' कैम्पेन चला दिया।
जिंदगी में हालात चाहे कितने भी बुरे क्यों न हों, उनसे कभी हताश नहीं होना है। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान पर एक्शन के लिए चौतरफा दबाव के बीच देश को संबोधित करना और बाद में एयरस्ट्राइक से दुश्मन को सबक सिखाना इसका उदाहरण है। चंद्रयान-2 मिशन की असफलता के बाद भी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाना, कोरोना महामारी के दौरान देश की जनता से उनका संवाद करना बताता है कि हर तरह के हालात में खुद को कैसे मजबूत रखना है।
पीएम मोदी लोगों को प्रोत्साहित करते रहते हैं। उनकी पॉपुलैरिटी की एक वजह यह भी है कि वो हमेशा सामने वाले को क्रेडिट देने से नहीं चूकते। कई बार वो सोशल मीडिया, टीवी या फिर 'मन की बात' में आम लोगों के किस्से सुनाते हुए उनकी तारीफ कर चुके हैं। यही वजह है कि उनके फॉलोअर्स दुनिया के कई मशहूर नेताओं से कहीं ज्यादा हैं।
पीएम मोदी की ये क्वालिटी उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। वो खुद ग्राउंड पर आकर काम करना पसंद करते हैं। स्वच्छता अभियान के लिए जहां पीएम उन्होंने खुद झाड़ू लगाई तो वहीं काशी के घाट की सफाई के लिए अपने हाथों में फावड़ा लेकर उतर गए थे। इससे देश के लोगों को प्रेरणा मिली और धीरे-धीरे स्वच्छता आंदोलन जनआंदोलन में तब्दील हो गया।
पीएम मोदी की ये सबसे बड़ी खासियत है। वे अपने फैसलों और कार्यक्रमों से कई बार चौंका देते हैं। चाहे नोटबंदी का फैसला रहा हो, या फिर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक इसके बड़े उदाहरण हैं। कोरोना महामारी के दौरान दूसरे देशों से वैक्सीन खरीदने के बजाय अपने ही देश में इसे बनाना भी इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।
किसी भी काम के पूरा होने के लिए समय का पाबंद होना सबसे जरूरी होता है। मोदी की कामयाबी में डिसिप्लिन यानी अनुशासन का बड़ा हाथ है। वो अपना हर काम तय समय पर ही पूरा करते हैं। भले ही वो उस काम की वजह से रात में देर से सोएं लेकिन बावजूद इसके सुबह बिल्कुल तय सयम पर उठते हैं। यही वजह रही कि लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने 3 लाख किलोमीटर का फासला तय किया था। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
पीएम मोदी अपने काम को लेकर पूरी तरह समर्पित रहते हैं। वो दिन में 18 घंटे काम करते हैं। लंबी यात्राएं और बेहद व्यस्त रहने वाले दौरे करते हैं। बावजूद इसके उनके चेहरे पर कभी थकान या निराशा नहीं झलकती है। काम को लेकर उनका डेडिकेशन इस हद तक है कि वो कभी छुट्टी भी नहीं लेते हैं।
पीएम मोदी न सिर्फ देश बल्कि दुनियाभर के युवाओं के लिए आइकन हैं। उनकी लीडरशिप और वर्किंग स्टाइल मैनेजमेंट मंत्र के रूप में हर किसी के काम आ सकती है। मोदी की लीडरशिप के ऐसे कई उदारहण हैं, जब उन्होंने देश को गौरवान्वित होने का मौका दिया। पीएम मोदी ने अपनी लीडरशिप से भारत को अमेरिका, रूस से लेकर जापान, जर्मनी और फ्रांस जैसे विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा कर दिया है।
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