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कहीं नतमस्तक होकर दी श्रद्धांजलि, तो कहीं नेताजी की यादों में डूबे नजर आए PM; 10 Photos में देखें दौरा
कोलकाता. 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पूरे देश ने ‘पराक्रम दिवस' के तौर पर मनाया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प बंगाल के कोलकाता में पहुंचे। यहां उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने कोलकाता में नेताजी भवन में सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जन्म जयंती के मौके पर नतमस्तक होकर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पीएम मोदी नेताजी के जुड़े सामानों को देखकर उनकी यादों में डूबे हुए भी नजर आए। आईए 10 तस्वीरों में देखते हैं उनका ये दौरा
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पीएम मोदी असम के बाद कोलकाता पहुंचे। वे सबसे पहले पीएम मोदी करीब 3.30 बजे कोलकाता पहुंचे। सबसे पहले नेताजी भवन का दौरा किया।
पीएम मोदी ने नेताजी भवन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जन्म जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
नेताजी भवन (नेताजी का निवास स्थान) एक इमारत है जो कोलकाता में सुभाष चंद्र बोस के जीवन के स्मारक और अनुसंधान केंद्र के रूप में बनी हुई है।
1909 में बोस के पिता द्वारा बनाए इस घर का स्वामित्व और प्रबंधन नेताजी रिसर्च ब्यूरो द्वारा किया जाता है और इसमें एक संग्रहालय, अभिलेखागार और पुस्तकालय शामिल हैं। 1941 में नेताजी भवन में गिरफ्तारी से बच गए और बर्लिन भाग गए।
इसके बाद पीएम मोदी नेशनल लाइब्रेरी पहुंचे। यहां उन्होंने इसे बनाने वाले कलाकारों से मुलाकात की और उनसे संवाद किया।
इसके बाद पीएम मोदी विक्टोरिया मेमोरियल गए। यहीं पर एक डाक टिकट जारी किया। इस कार्यक्रम में प बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनकड़ मौजूद रहे।
विक्टोरिया मेमोरियल में पीएम मोदी ने पराक्रम दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, आज के ही दिन मां भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी। आज के ही दिन गुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा।
पीएम मोदी ने कहा, जिस सशक्त भारत की नेताजी ने कल्पना की, आज एलएसी से एलओसी तक यही अवतार दुनिया देख रही। जहां कहीं से भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश की गई। भारत आज मुंहतोड़ जवाब दे रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, मैंने अनुभव किया है कि नेताजी का नाम सुनते ही हर कोई कितनी ऊर्जा से भर जाता है। नेताजी के जीवन की ऊर्जा जैसे उनके अंतर्मन से जुड़ गई है। उनकी ऊर्जा, आदर्श, तपस्या, त्याग देश के हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। (इस मौके पर विक्टोरिया मेमोरियल कुछ इस तरह सजा नजर आया।)
इस मौके पर लाइटिंग के जरिए नेताजी से जुड़ीं यादों को दर्शाया गया।