PM Modi ने किया 216 फीट ऊंची Statue of Equality का लोकार्पण, देखें खास तस्वीरें
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216 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी (Statue of Equality) 11वीं सदी के भक्ति शाखा के संत श्री रामानुजाचार्य (Shri Ramanujacharya) की याद में बनाई गई है।
प्रतिमा ‘पंचलोहा’ से बनी है, जो पांच धातुओं: सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है और दुनिया में बैठने की अवस्था में सबसे ऊंची धातु की मूर्तियों में से एक है।
धार्मिक अनुष्ठान के बाद नरेंद्र मोदी ने 11वीं सदी के संत और समाज सुधारक रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण कर उसे देश को लोकार्पित किया।
श्री रामानुजाचार्य ने आस्था, जाति और पंथ सहित जीवन के सभी पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा दिया था।
'स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी' के उद्घाटन समारोह के दौरान 'दंडवत प्रणाम' करते हुए एक बच्चे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद लिया।
यह 54-फीट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम ‘भद्र वेदी’ है। इसमें वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथ, एक थिएटर, एक शैक्षिक दीर्घा हैं, जो श्री रामानुजाचार्य के कई कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हैं।
स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी का उद्घाटन, श्री रामानुजाचार्य की वर्तमान में चल रही 1000 वीं जयंती समारोह यानी 12 दिवसीय श्री रामानुज सहस्रब्दी समारोहम का एक भाग है।
पीएम मोदी ने कहा कि रामानुजाचार्य जी विशाल मूर्ति Statue of Equality के रूप में हमें समानता का संदेश दे रही है। इसी संदेश को लेकर आज देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ अपने नए भविष्य की नींव रख रहा है।
मोदी ने कहा कि विकास हो, सबका हो, बिना भेदभाव हो। सामाजिक न्याय, सबको मिले, बिना भेदभाव मिले। जिन्हें सदियों तक प्रताड़ित किया गया, वो पूरी गरिमा के साथ विकास के भागीदार बनें, इसके लिए आज का बदलता हुआ भारत, एकजुट प्रयास कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी शाम 5 बजे शमशाबाद स्थित 'यज्ञशाला' पहुंचकर यहां चल रहे धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए हैं। पुजारियों ने उनका तिलक आदि कर उन्हें रुद्राभिषेक में शामिल किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक ओर रामानुजाचार्य जी के भाष्यों में ज्ञान की पराकाष्ठा है, तो दूसरी ओर वो भक्तिमार्ग के जनक भी हैं।
लोकार्पण के बाद मोदी ने कहा- रामानुजाचार्य जी ने जाति भेद खत्म करने के लिए काम किया। मोदी ने श्लोक सुनाया- न जाति ही कारणं, लोके गुणा कल्याण हेतवा यानी संसार में जाति से नहीं, गुणों से कल्याण होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि रामानुजाचार्य जी ने यादव गिरी पर नारायण मंदिर बनवाया और उसमें दलितों को पूजा का अधिकार देकर समानता का संदेश दिया था। समाज में जो बुराई से लड़ते हैं , जो समाज को सुधारते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि रामानुजाचार्य जी भारत की एकता और अखंडता की भी एक प्रदीप्त प्रेरणा हैं। उनका जन्म दक्षिण में हुआ, लेकिन उनका प्रभाव दक्षिण से उत्तर और पूरब से पश्चिम तक पूरे भारत पर है।