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नौकरी छोड़ AAP से जुड़े, दूसरी बार बने विधायक, पिता आज भी बनाते है पंक्चर, कुछ ऐसी है कहानी
| Published : Feb 12 2020, 04:02 PM IST
नौकरी छोड़ AAP से जुड़े, दूसरी बार बने विधायक, पिता आज भी बनाते है पंक्चर, कुछ ऐसी है कहानी
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प्रवीण कुमार भोपाल के रहने वाले हैं। उन्होंने साल 2008 में एमबीए करने के बाद नौकरी के लिए दिल्ली आएं। यहां उन्होंने 2011 में अन्ना आंदोलन से प्रभावित होकर नौकरी छोड़ी और अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़ गए।
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अरविंद केजरीवाल ने साल 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रवीण कुमार को जंगपुरा से चुनाव मैदान में उतारा। जिसके बाद प्रवीण चुनाव लड़ने के लिए कमर कस कर मैदान में उतरे और 20 हजार वोटों से जीत कर पहली बार विधायक बने।
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दो बार के विधायक प्रवीण कुमार एक बेहद साधाराण परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता पी एन देशमुख पंचर बनाने का काम करते हैं।
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प्रवीण कुमार के पिता भोपाल के जिंसी चौराहा बोगदापुल के पास ज्योति टायर वर्क्स के नाम से टायर सुधारने और पंचर बनाने की दुकान चलाते हैं।
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बेटे के विधायक बनने के बाद भी दुकान पर किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ पिता बदस्तूर पंचर बनाने का काम करते रहे।
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चुनाव नतीजों के दिन उनके माता-पिता भी दिल्ली आए थे। प्रवीण कुमार ने ये तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर की थी।
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इस बार प्रवीण कुमार ने दिल्ली के जंगपुरा से ही अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 16 हजार 63 वोटों के अंतर से पराजित किया है।
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2020 के भी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुखिया केजरीवाल ने एक बार फिर उन पर दांव खेला और जंगपुरा मैदान से टिकट दिया। जिसमें प्रवीण कुमार ने फतह हासिल की।