भारत को मिला राफेल तो डर गया पाकिस्तान, चीन से लगाई मदद की गुहार
नई दिल्ली. भारतीय वायु सेना में आज राफेल फाइटर जेट आधिकारिक तौर पर शामिल हो गए हैं। BVRAAM (विजुअल रेंज से बाहर) मीटिअर मिसाइल के साथ राफेल को एशिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान बताया जाता है। भारतीय वायुसेना में राफेल के शामिल होने से सबसे ज्यादा चिंता पड़ोसी देश पाकिस्तान को ही रही है। इसी घबराहट में पाकिस्तान ने राफेल से मुकाबले के लिए अपने भरोसेमंद दोस्त चीन से आधुनिक फाइटर जेट और मिसाइल देने के लिए कहा है।
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान ने चीन से 30 J-10CE फाइटर जेट और आधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें उपलब्ध कराने के लिए कहा है। पाकिस्तान साल 2010 से ही J-10 फाइटर जेट की मांग कर रहा है, लेकिन चीन और पाकिस्तान के JF-17 के उत्पादन में व्यस्त होने की वजह से ये ठंडे बस्ते में चला गया है। हालांकि, अब जब भारतीय वायु सेना में राफेल शामिल हो रहा है तो पाकिस्तान ने चीन से J-10CE को लेकर बातचीत शुरू कर दी है। J-10CE के अलावा, पाकिस्तान ने चीन से कम और लंबी दूरी की मिसाइलों PL-10 और PL-15 की मांग की है।
अमेरिका के भारत के करीब आने की वजह से अब चीन ही पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति का एकमात्र जरिया रह गया है। फाइटर जेट J-10CE चीन की वायु सेना के जे-10 का एक्सपोर्ट वर्जन है। इसमें AESA रडार, फायर कंट्रोल सिस्टम्स और इफ्रेयर्ड तकनीक है। पाकिस्तान वायु सेना फिलहाल अपने 124 JF-17 जेट फाइटर, 70 एफ-16 और मिराज 3A पर निर्भर है। अगर, पाकिस्तान को J-10CE मिल जाते हैं तो फिर भारतीय वायु सेना के लिए एक नई चुनौती हो सकती है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान में कहा था कि भारत के परमाणु हमला करने में सक्षम राफेल को खरीदना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वह अपनी सुरक्षा जरूरतों के दायरे से बाहर जाकर सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है। पाकिस्तान से दुनिया से गुहार भी लगाई थी कि वह भारत को हथियार क्षमता बढ़ाने से रोके। पाकिस्तान की ये चिंता जायज है, क्योंकि अब उसका लड़ाकू विमानों का पूरा जखीरा ही खतरे में पड़ गया है।
पाकिस्तान को सिर्फ राफेल की ही चिंता नहीं है, बल्कि इसमें लगी मिटायर हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल को लेकर भी परेशान है। राफेल में मीका मिसाइल है, जिसे हवा से लॉन्च किया जा सकता है। एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और एमआर-एसएमएम या मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम भी पाकिस्तान फाइटर जेट के लिए बड़ा खतरा है। पिछले साल, फरवरी महीने में भारत और पाकिस्तान की वायु सेना आमने-सामने आ गई थी। पाकिस्तान की वायु सेना भारत के एक मिग-21 विमान को संभवत: अमेरिकी एफ-16 जेट की AIM-120 AMRAAM (एडवांस मीडियम रेंज एयर टु एयर मिसाइल) की मदद से मार गिराने में कामयाब रही थी।
वहीं, भारत ने भी एक पाकिस्तानी विमान को मार गिराया था। हालांकि, भारतीय वायु सेना इस बात से चिंतित हो गई थीं कि पाकिस्तान वायु सेना भारतीय लड़ाकू विमानों को बिना कोई मौका दिए लंबी दूरी से टारगेट करने में सफल रही। भारत के अग्रणी सुखोई एमकेआई पर भी निशाना साधा गया, लेकिन वह AMRAAM (एडवांस मीडियम रेंज एयर टु एयर मिसाइल) से बचकर निकल आया। हालांकि, सुखोई से पलटवार नहीं किया जा सका। पाकिस्तान एफ-16 का AMRAAM (एडवांस मीडियम रेंज एयर टु एयर मिसाइल) भारत के लिए लंबे वक्त से चुनौती बना हुआ था। पाकिस्तान के पास शुरुआती मॉडल AIM-120A/B था जिसकी रेंज 75 किमी थी, लेकिन बाद में उसने 100 किमी रेंज वाली AIM-120C-5 मिसाइल को खरीद लिया।
इसकी मदद से पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भारतीय जेट को बिना स्पॉट किए ही उस पर हमला कर पाने में कामयाब हो पाए थे, जबकि भारतीय लड़ाकू विमानों को पाकिस्तान के एफ-16 को टारगेट करने के बजाय मिसाइलों से बचना पड़ा। हालांकि, अब 4++ जेनरेशन के राफेल जेट भारतीय वायु सेना में शामिल हो चुका है। इसमें घातक BVRAAM (बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टु एयर मिसाइल) मीटिअर भी लगा है, जिससे पाकिस्तान के एफ-16 जेट समेत सारे लड़ाकू विमान सीधे खतरे में आ गए हैं। पाकिस्तान का जेएफ-17 भी राफेल का सबसे आसान शिकार बनेगा।
राफेल जेट जहां फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन कंपनी बनाती है, वहीं, मीटिअर मिसाइल पूरी दुनिया में मिसाइल निर्माता के तौर पर लोकप्रिय यूरोपीय कंपनी एमबीडीए बनाती है। ये भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर है। यहां तक कि ब्रिटेन जिन लड़ाकू विमानों की पांचवी पीढ़ी एफ-35 का इस्तेमाल कर रहा है, वो मीटिअर मिसाइलों से लैस हैं। मीटिअर ऐक्टिव रडार गाइडेड विजुअल रेंज से बाहर हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इसके अलावा, इसमें प्रॉपल्सन सिस्टम है और GmbH’ के सॉलिड फ्यूल, रैमजेट का इस्तेमाल होता है। इससे हमले के दौरान इंजन पावर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है, जबकि कई हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में ये विकल्प नहीं मिलता है।
इस क्षमता की वजह से मीटिअर टारगेट को भागने का कोई मौका नहीं देता है। मीटिअर की रेंज पाकिस्तान के एफ-16 में इस्तेमाल होने वाले AMRAAM के 100 किमी की रेंज की तुलना में 120 किमी होती है। यह खराब से खराब मौसम में भी लंबी दूरी से ही अपने टारगेट को तबाह कर सकता है एक्सपर्ट्स के मुताबिक बताया जाता है कि पाकिस्तान केवल राफेल लड़ाकू विमान की वजह से भयभीत नहीं है। मीटिअर मिसाइल उसके AMRAAM से कई गुना बेहतर है और उसके एफ-16 विमान के लिए सीधा खतरा पैदा करता है। दशकों तक पाकिस्तान अपने एफ-16 विमान के बारे में शेखी बघारता रहा है, लेकिन अब राफेल ने सारा गेम पलट दिया है। राफेल भारतीय वायुसेना के 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे, जिन्हें गोल्डन एरोज के नाम से जाना जाएगा। 2021 के अंत तक भारत को बाकी राफेल विमान मिलने की उम्मीद है।