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कोरोना: आयुष मंत्रालय के सवालों का रामदेव ने दिया जवाब, पतंजलि की दवा के विज्ञापन पर क्यों लगी रोक?
नई दिल्ली. बाबा रामदेव ने कोरोना की दवा बनाने का दावा किया, लेकिन दो घंटे बाद ही आयुष मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि इस दवा का तब तक प्रचार न करें, जब तक हमें इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल जाती। मंत्रालय के बयान को देखे तो यही लगता है कि अभी मंत्रालय ने दवा को मंजूरी नहीं दी है। आयुष मंत्रालय के इस बयान के बाद पतंजलि के बालकृष्ण ने ट्वीट करके बताया कि उन्होंने वो सारी जानकारी आयुष मंत्रालय को दे दी है जो मांगी गई थी।
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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 15,968 नए मामले सामने आए हैं और 465 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 4,56,183 हो गई है, जिनमें से 1,83,022 सक्रिय मामले हैं, 2,58,685 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 14,476 लोगों की मौत हो चुकी है।
आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से पूछा कि कोरोनिल दवा को बनाने में किन तत्वों का इस्तेमाल किया गया। मंत्रालय ने पूछा, जहां दवा पर रिसर्च किया गया, उस जगह का नाम, हॉस्पिटल का नाम, प्रोटोकॉल, सैंपल साइज क्या था, पूरी जानकारी दें। मंत्रालय ने संस्थागत आचार समिति की मंजूरी, सीटीआरआई रजिस्ट्रेशन और अध्ययन के नतीजों का डेटा भी मांगा है।
मंत्रालय के सवाल पर पंतजलि के योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, हमने मंजूरी लेकर ही क्लीनिकल ट्रायल किया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया, यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन और गौरव देने वाली है। जो कम्युनिकेशन गैप था वह दूर हो गया है। Randomised Placebo Controlled Clinical Trials के जितने भी स्टैंडर्ड पैरामीटर्स हैं उन सबको 100% पूरा किया गया है। इसकी सारी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है।
रामदेव ने कहा, हमें विज्ञापन करने की जरूरत नहीं है। इस समय लाखों लोग ये दवा मांग रहे हैं। हमारी विज्ञापन करने की कोई मंशा नहीं है। जो क्लीनिकल कंट्रोल के नतीजे है हमने उसकी घोषणा की। हमने खुद भी नीम्स के डॉक्टरों से पूछा है। सब जगह प्रकाशित हुआ। 280 मरीजों का डेटा हमारे पास है।
दवा का नाम कोरोनिल है। यह एक टैबलेट है। रामदेव ने कोरोना की दवा के साथ दो और दवाएं लॉन्च की। यह पूरा एक किट है। इसमें कोरोनिल के अलावा श्वासारी वटी और अणु तेल भी हैं। रामदेव ने कहा कि तीनों को साथ इस्तेमाल करने से कोरोना का संक्रमण खत्म हो सकता है और महामारी से बचाव भी संभव है। रामदेव ने बताया, शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर श्वसारि से फायदा होता है। यह दवा सर्दी, खांसी, जुकाम को एक साथ सही करती है। यह मुलेठी, शहद, अदरक और तुलसी जैसी 16 जड़ी-बूटियों से बनी है। अणुतेल नाक में डालना होता है। ये भी कोरोना से बचाव करता है।
कोरोनिल में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा हैं जो इम्युनिटी बढ़ाते हैं। गिलोय में पाने जाने वाले टिनोस्पोराइड और अश्वगंधा में पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल तत्व और श्वासरि के रस के प्रयोग से इस दवा का निर्माण हुआ है। यह दवा क्रोनिक बीमारियों से भी बचाव करती है। पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (निम्स) यूनिवर्सिटी, जयपुर ने मिलकर दवा को तैयार किया है।
रामदेव ने कहा, आज हम ये कहते हुए गौरव अनुभव कर रहे हैं कि कोरोना की पहली आयुर्वेदिक, क्लीनिकली कंट्रोलड, ट्रायल, एविडेंस और रिसर्च आधारित दवाई पतंजलि रिसर्च सेंटर और NIMS के संयुक्त प्रयास से तैयार हो गई है। इस दवाई पर हमने दो ट्रायल किए हैं। 100 लोगों पर क्लीनिकल स्टडी की गई उसमें 95 लोगों ने हिस्सा लिया। 3 दिन में 69% मरीज ठीक हो गए। 7 दिन में 100% मरीज ठीक हो गए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव बोले, इस दवाई को बनाने में सिर्फ देसी सामान का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें मुलैठी काढ़ा सहित कई चीजों को डाला गया है। गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वासरि का भी इस्तेमाल किया गया। दवा अगले सात दिनों में पतंजलि के स्टोर पर मिलेगी।
दवा कोरोनिल की कीमत 400 रुपए है। इसके अलावा श्वासारि रस बट्टी की कीमत 120 और अणनासिक तेल की कीमत 25 रुपए है। एक महीने की दवा 545 रुपए में उपलब्ध होगी।