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गर्व करने वाली तस्वीर: माइनस 20 डिग्री में जवानों ने फहराया तिरंगा, जमे हुए पानी पर निकाला मार्च
लद्दाख. देशभर में जहां आज यानी की 26 जनवरी को 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। वहीं, भारतीय जवानों परेड के जरिए अपने पराक्रम को देश के प्रधानमंत्री के सामने पेश कर रहे हैं। दिल्ली स्थित राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में पूरा विश्व यहां भारत की सैन्य ताकत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देख रहा है। ऐसे में जवानों ने लद्दाख में माइनस 20 डिग्री जैसे दुर्गम इलाकों में तिरंगा झंडा लहराया है। इतना ही नहीं, उन्होंने बर्फीली जगह में अपना मार्च भी निकाला।
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रिपब्लिक डे के मौके पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने हाड़ कंपा देने वाले तापमान में तिरंगा फहराया। साथ ही भारत माता के जय के नारे भी लगाए।
इस खास मौके पर आईटीबीपी (ITBP) के जवानों ने लद्दाख में माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान और 17000 फीट की ऊंचाई पर तिरंगा फहराया। इन हिमवीरों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे भी लगाए। साथ ही हाथ में झंडा लिए उन्होंने मार्च भी निकाला।
आईटीबीपी (ITBP) के जवानों ने लद्दाख में जमे हुए पानी पर मार्च निकाला है। इस दौरान एक साथ 9 जवान जमे पानी पर चल कर गए। उनके इस पराक्रम को देशवासी सलाम कर रहे हैं।
देश के लिए जवानों का ये जज्बा काबिल-ए-तारीफ है। 17 हजार की फीट के ऊपर रहकर देश की रक्षा करना जवानों की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी। माइनस 20 डिग्री के तापमान में रहकर देश की रक्षा करना और मार्च निकालना कोई मामूली बात नहीं है।
जमे हुए पानी पर तिरंगा झंडा लिए मार्च निकालते भारतीय जवान।
माइनस 16 डिग्री के तापमान में पैंगांग झील के पास आईटीबीपी के जवानों ने झंडा लहराया।
तिब्बती में सो का अर्थ झील होता है। पैंगोंग सो लद्दाख में 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक लंबी, संकरी और गहरी झील है। 1962 में चीन ने इसी इलाके में भारत पर मुख्य हमला बोला था।
पैंगोंग सो लेह के दक्षिणपूर्व में 54 किलोमीटर की दूरी पर है। 134 किलोमीटर लंबी यह झील 604 वर्ग किलोमीटर के दायर में फैली हुई है। जिस पॉइंट पर इसकी चौड़ाई सबसे ज्यादा है, वहां यह 6 किलोमीटर चौड़ी है।