- Home
- National News
- 300 गाड़ियां जला दीं, 3 की मौत हो गई...क्या थी वह पोस्ट, जिसे पढ़ने के 1 घंटे के अंदर मच गया हाहाकार
300 गाड़ियां जला दीं, 3 की मौत हो गई...क्या थी वह पोस्ट, जिसे पढ़ने के 1 घंटे के अंदर मच गया हाहाकार
बेंगलुरु. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में मंगलवार रात एक सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से हिंसा फैल गई। हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई। एडिशनल पुलिस कमिश्नर सहित 60 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा को रोकने के लिए धारा 144 लगानी पड़ी। हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई राज्य सरकार अब उपद्रवियों से करेगी।
- FB
- TW
- Linkdin
बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे ने सोशल मीडिया पर कथित तौर पर भड़काऊ पोस्ट किया था। हालांकि, बाद में इसे डिलीट भी कर दिया गया।
कांग्रेस के विधायक श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे नवीन ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक आपत्तिजनक पोस्ट की। इससे मुस्लिम समुदाय नाराज हो गया।
पोस्ट को लेकर बड़ी संख्या में उपद्रवियों ने विधायक श्रीनिवास मूर्ति के बेंगलुरु स्थित आवास पर हमला किया। यहां तोड़फोड़ की गई। आगजनी भी की गई।
सोशल मीडिया पर पोस्ट होने के एक घंटे के भीतर हजारों लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने 200-300 गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया। सीटी रवि ने कहा, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कर्नाटक के मंत्री सीटी रवि ने हिंसा को सुनियोजित दंगे करार दिया। उन्होंने कहा, इस हिंसा के पीछे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का हाथ हैं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हिंसा सुनियोजित दंगा है।
बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नर कमल कांत ने बताया कि हालात नियंत्रण में है। डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस स्टेशन में कर्फ्यू लगाया गया और बाकी शहर में धारा 144 लागू की गई।
डीजे हल्ली और केजी हल्ली इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है। यहां बड़ी संख्या में पुलिसफोर्स तैनात की गई। वहीं, हिंसा फैलाने को लेकर 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कमिश्नर कमलपंत ने बताया, अभी और गिरफ्तारियां की जा रही हैं।
कांग्रेस विधायक के भतीजे ने इस मामले में सफाई दी। उसने कहा कि उसका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था। उसने किसी भी धर्म को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। विधायक मूर्ति ने भी भतीजे के बचाव में बयान जारी किया।
कर्नाटक के गृहमंत्री बसवराज बोम्मई का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए निर्देशों के मुताबिक हिंसा में जो क्षति हुई हो, इसे उन्हीं व्यक्तियों से वसूला जाना है, जिन्होंने घटना को अंजाम दिया है।